रिपोर्ट के अनुसार, वे सवालों के जवाब देने के लिए नई दिल्ली में सीबीआई के कार्यालय जाएंगे।
विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो यह ‘पूछताछ’ रिलायंस इंश्योरेंस से जुड़े मामले में होगी। इसे लेकर आरोप लगाया गया है कि कश्मीर में इस बीमा योजना को लाने के लिए आरएसएस और भाजपा नेता राम माधव ने कथित तौर पर मलिक पर दबाव बनाने का प्रयास किया था, हालांकि, उस समय जम्मू कश्मीर के राज्यपाल का पद संभाल रहे मलिक ने इसे रद्द कर दिया था।
उल्लेखनीय है कि 14 अप्रैल को दिए इंटरव्यू में इस योजना के बारे में विस्तार से बताया था कि कैसे उनके द्वारा इसे रद्द करने की अगली सुबह ही राम माधव उनके घर पहुंचे थे और इस योजना के बारे में सवाल-जवाब किए थे, मलिक के अनुसार, जब उन्होंने बताया कि वे इसे कैंसिल कर चुके हैं, तब माधव कुछ परेशान हुए थे।
मलिक ने द वायर के इंटरव्यू से पहले इस घटना का जिक्र पत्रकार प्रशांत टंडन को दिए गए एक साक्षात्कार में भी किया था. इसके प्रसारण के बाद माधव ने मलिक को मानहानि का नोटिस भेजा था.
अक्टूबर 2021 में पहली बार मलिक में आरोप लगाया था कि उनके राज्यपाल के तौर पर कार्यकाल के दौरान उन्हें किसी सौदे को लेकर 300 करोड़ रुपये की रिश्वत देने की कोशिश की गई थी. टंडन के साथ इंटरव्यू में उन्होंने बताया सौदे में ज्यादा रुचि रखने वाले ‘आरएसएस पदाधिकारी’ राम माधव थे।
मलिक ने बताया कि उन्होंने उस प्रस्ताव को खारिज कर दिया था जिसके लिए उन्हें रिश्वत के रूप में 300 करोड़ रुपये की पेशकश की गई थी. मलिक ने दावा किया कि प्रस्ताव रद्द करने के एक दिन बाद राम माधव सुबह 7 बजे राजभवन पहुंचे।
मलिक के अनुसार, आरएसएस नेता बहुत परेशान थे और उन्होंने पूछा, ‘कहां से ऐसे निवेश आएगा?’ मैंने कहा, ‘निवेश आए या न आए मैं ग़लत काम नहीं करूंगा।