कश्मीर : नमाज़ियों से 'जय श्री राम' के नारे लगवाने के बाद लोगो में पैदा हुआ डर
कश्मीर की एक जामा मस्जिद में घुस कर नमाज़ियों से ज़बरदस्ती 'जय श्री राम' के नारे लगवा कर मुस्लमानों का किया अपमान।
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दक्षिणी कश्मीर के पुलवामा ज़िले के जाडोरा गांव की मस्जिद में भारतीय सेना की एक टुकड़ी पर जबरन 'जय श्री राम' के नारे लगवाने का मामला सुर्ख़ियों में है। जम्मू कश्मीर के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्लाह, ग़ुलाम नबी आज़ाद और महबूबा मुफ़्ती ने इस मामले की सख़्त निंदा करते हुए जांच की मांग की है।
हालांकि इस मामले में भारतीय सेना और स्थानीय पुलिस प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है सोमवार को दिन में क़रीब साढ़े बारह बजे दक्षिणी कश्मीर के पुलवामा ज़िले के जाडोरा गांव की मुख्य सड़क पर पुलिस की तीन गाड़ियां खड़ी थीं। पुलिसकर्मियों के साथ-साथ गांव के लोग मौजूद थे। तनातनी की स्थिति लग रही थी।
पुलिस की गाड़ी के पास गांव के अंदर जाने वाले रास्ते की तरफ़ देखा तो वहां हमें कई महिलाएं और कुछ पुरुष नज़र आए। महिलाओं के बीच जम्मू-कश्मीर पुलिस के दो अधिकारी भी मौजूद थे जो भीड़ को समझाने की कोशिश कर रहे थे।
उस भीड़ के नज़दीक जाने पर एक महिला ने कहा, "कल को ये हम से कहेंगे कि आप लोग अब माथे पर टीका भी लगाएं। हम ये बर्दाश्त नहीं करेंगे।" इतना कहकर महिला आगे निकल गई।
डर और तनाव का माहौल
इस घटना के बाद से इलाके में डर और तनाव का माहौल है। जाडोरा गाँव में रहने वाले मोहम्मद अल्ताफ़ भट्ट ने बीबीसी के साथ बातचीत में दावा किया है कि वह इस पूरे मामले के चश्मदीद गवाह हैं।
उनका दावा है, "ये बीते शुक्रवार (16 जून) आधी रात की बात है। मेरी भाभी ने मुझे बताया कि जावेद को सेना पकड़कर ले गई है। जावेद मेरा छोटा भाई है। भाभी ने कहा कि सेना के लोग हमारे गाँव में जाडोरा कैंप से आए थे. सेना ने क़रीब दो घंटे उन्हें अपने साथ रखा। हम जावेद की चीखें सुन रहे थे. आवाज़ें इस तरह की आ रही थीं कि उसे पीटा जा रहा था।'
''हमने भाई के पास जाने की कोशिश की तो सेना ने हमें वहाँ आने नहीं दिया. सेना ने हमारे दरवाज़े बंद कर दिए थे। इस बीच हमारी मस्जिद के मोअज़्ज़िन (मस्जिद में अज़ान देने वाला) मस्जिद में अज़ान दे रहे थे। जब वह अज़ान ख़त्म करके मस्जिद से बाहर आए तो सेना के लोगों ने उन्हें मस्जिद के बाहर पकड़कर "जय श्री राम" के नारे लगाने के लिए कहा।"
"जब उन्होंने इनकार किया तो उन्हें भी थप्पड़ मारे. इसके बाद उन्होंने दो - तीन बार "जय श्री राम" बोला. फिर उन्हें कहा गया कि यह शब्द आप मस्जिद के माइक पर बोलो. जब वह मस्जिद के दरवाज़े के पास पहुंचे तो वहीं से भाग निकले।
सेना का जवान और 'जय श्रीराम' के नारे
"इतने में सेना का जवान मस्जिद में घुस गया और आरिफ़ से कहा कि "जय श्री राम" के नारे लगाओ। शायद उसने माना नहीं और उसने माइक बंद कर दिया। सेना ने माइक को फिर खोला और "जय श्री राम" पढ़ने के लिए कहा। ये हम खुद अपने कानों से सुन रहे थे. सेना का जवान उसे ये बोल रहा था कि जिस तरह आप अज़ान देते हो उसी तरह "जय श्री राम" भी पढ़ो।"
वो बताते हैं, "जिस मस्जिद में "जय श्री राम" के नारे लगवाए गए उस मस्जिद से क़रीब चार सौ मीटर दूर एक दूसरी मस्जिद है। वहां से भी "जय श्री राम" के नारे पांच से सात बार लगाए गए। इस मस्जिद में हमारे गाँव के एक मास्टरजी से ये नारे लगवाए गए. ये मस्जिद गाँव की जामा मस्जिद है।"