इस समय इराक़ में इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम और उनके वफ़ादार साथियों की याद में अरबईन के मौक़े पर जारी मिलियन मार्च पूरी दुनिया में आयोजित होने वाले धार्मिक कार्यक्रमों और आयोजनों के लिए एक मिसाल बन चुका है। भीषण गर्मी में लगभग 100 किलोमीटर की पैदल यात्रा के लिए उठने वाले हर क़दम वर्तमान की सभी ज़ालिम सरकारों और राज्यों के मुंह को कुचल रहे हैं।
इन दिनों इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम और उनके वफ़ादार साथियों की याद में मनाए जाने वाले चेहलुम के मौक़े पर आयोजित होने वाले मिलियन मार्च में प्रेम और आस्था अपने चरम पर पहुंच गई है। महिलाएं, पुरुष, युवा, बच्चे, काले, गोरे, ग़रीब और अमीर सभी बिना किसी अंतर के अरबईन के मौक़े पर आयोजित होने वाले मिलियन मार्च में शामिल होकर पवित्र नगर कर्बला की ओर आगे बढ़ते जा रहे हैं।
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ताकि चेहलुम के दिन कर्बला पहुंचकर मानवता की रक्षा के लिए अपना, अपने साथियों और परिजनों का बलिदान देने वाले दुनिया के सबसे बड़े बलिदानी और इंसानियत के रक्षक हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम को श्रद्धांजलि अर्पित कर सकें और साथ ही यह संकल्प दोहरा सकें कि वे किसी भी दौर के ज़ालिम के सामने अपना सिर नहीं झुकाएंगे और मानवता की रक्षा के लिए हमेशा तैयार रहेंगे। कर्बला की ओर जाने वाली सड़कों पर चलने वाले अरबईन की तीर्थयात्री इमाम हुसैन के प्रति स्नेह, प्रेम और इश्क़ से भरे हुए हैं। इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामनेई ने भी इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के चेहलुम के मौक़े पर आयोजित होने वाले ऐतिहासिक मिलियन मार्च के महत्व और इस सिलसिले के हमेशा जारी रहने पर ज़ोर दिया है।
इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता कहते हैं कि अरबईन के मौक़े पर आयोजित होने वाला मिलियन मार्च वास्तव में एक अनोखी घटना है। दुनिया में वर्तमान समय में ही नहीं, बल्कि इतिहास में भी हम ऐसे किसी भी आंदोलन और समाजिक एवं धार्मिक आयोजन के बारे में नहीं मिलता है कि जहां इतनी बड़ी संख्या में हर साल लोग पैदल चलते हों और केवल इतना ही नहीं बल्कि इसमें हर साल पिछले साल की तुलना में लोगों की संख्या कई गुना अधिक होती जा रही है।
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अरबईन, जो आज लोगों के बीच यूनिटी और न्याय प्रेमियों के बीच एकता की निशानी बन चुका है, इस्लामी समाज की ट्रेनिंग, लोगों के आपसी संबंधों को मज़बूत करने और अंतिम मुक्तिदाता के प्रकट होने की तैयारी का बहुत अच्छा माध्यम है। बता दें कि इस समय अरबईन दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण और सबसे बड़े धार्मिक आयोजन में परिवर्तित हो चुका है।