मेटा ने बताया, "हम ईमानदारी से माफ़ी मांगते हैं कि ऐसा हुआ।" इस प्लेटफॉर्म पर इसराइल-ग़ज़ा संघर्ष के दौरान फ़लस्तीनियों के समर्थन में आवाज़ उठाने वाली सामग्री को दबाने के भी आरोप लगे हैं। मेटा- फ़ेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप की मालिकाना कंपनी है।
यूज़र्स ने क्या आरोप लगाए हैं?
कुछ यूज़र्स का कहना है कि फ़लस्तीनी समर्थक पोस्ट के कारण उन्हें इंस्टाग्राम पर 'प्रतिबंधित' कर दिया गया है। ऐसा तब होता है जब कोई प्लेटफॉर्म यह सुनिश्चित करने के लिए हस्तक्षेप करता है कि पोस्ट अन्य लोगों के फ़ीड में न दिखाई दे।
यूज़र्स ने दावा किया कि इसराइल-ग़ज़ा संघर्ष का संदर्भ देने वाली कहानियों पर 24 घंटे की पोस्ट को दूसरों की तुलना में कम देखा गया। उन्हें आसानी से सर्च भी नहीं किया जा सकता है।
यूज़र्स के बायो पर भ्रम
रविवार को एक इंस्टाग्राम यूज़र ने एक्स (पूर्व नाम ट्विटर) और टिकटॉक पर अपनी एक पोस्ट में अनुवाद की समस्या की ओर ध्यान दिलाया। उन्होंने इसे स्क्रीन रिकॉर्डिंग में दर्ज किया
उन्होंने अपने बायो में लिखा था कि वो फ़लस्तीनी हैं। इसके बाद उन्होंने फ़लस्तीनी झंडा और अरबी में 'अल्हम्दुलिल्लाह' शब्द लिखा था। इसका अनुवाद 'भगवान की प्रार्थना करो' होता है।
हालांकि 'सी ट्रांसलेशन' पर क्लिक करने पर यूज़र्स को इसका जो अंग्रेज़ी अनुवाद दिखा, उसका आशय था, "भगवान की प्रार्थना करो, फ़लस्तीनी अपनी आज़ादी के लिए लड़ रहे हैं।''
इस यूज़र ने अपनी पोस्ट में कहा है कि वह ख़ुद फ़लस्तीनी नहीं थे, लेकिन एक अनाम फ़लस्तीनी मित्र की ओर से इस तरफ ध्यान दिलाए जाने के बाद उन्होंने इस त्रुटि का परीक्षण किया था।
पहले भी लगे हैं ऐसे आरोप
मेटा की ओर से फ़लस्तीन के समर्थन में लिखी सामग्री की रीच कम करने के आरोप पहले भी लगे हैं। इन आरोपों को अच्छे से दर्ज किया गया है। मई 2021 में ह्यूमन राइट्स वॉच ने आरोप लगाया था कि इंस्टाग्राम इस संकट से जुड़े वीडियो, तस्वीरें और लेखों को हटा रहा है।
रिपोर्ट में निष्कर्ष निकाला गया, "ऐसा प्रतीत होता है कि मेटा के काम की वजह से फ़लस्तीनी यूज़र्स की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, सभा की स्वतंत्रता, राजनीतिक भागीदारी और गैर-भेदभाव के अधिकारों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। इससे उनकी अपने अनुभवों की जानकारी और उसके बारे में नज़रिया साझा करने की क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा।"
बीएसआर का कहना था कि उसे मेटा में जानबूझकर नस्लीय या राजनीतिक पूर्वाग्रह नहीं मिला। लेकिन उसने सिफ़ारिश की कि कंपनी को उन यूज़र्स को अधिक विस्तृत सफाई देनी चाहिए जिनके पोस्ट या अकाउंट हटा दिए गए हैं। इसके अलावा हिब्रू और अरबी भाषा के कर्मचारियों के भाषा कौशल में सुधार की सिफारिश की गई है।