डिजिटलीकरण के जितने ज्यादा अच्छे प्रभाव हुए हैं उतना ही इसका बुरा प्रभाव भी देखने को मिला है। खासतौर से 15 साल से कम उम्र के बच्चों में ये किसी जहर की तरह फैला है।परिणाम ये हैं कि आज बच्चा होते ही फोन के संपर्क में आ जाता हैं और उन्हें बहुत कम उम्र में ही चश्मा लग जाता हैं।
बच्चों की फोन देखने की आदत कब लत बन जाती हैं ये पता ही नहीं चलता हैं। ऐसे में उनके मां-बाप बहुत परेशान रहते हैं। क्योंकि फोन की लत से बच्चे पर मानसिक और शारीरिक दोनों प्रभाव पड़ता हैं। लेकिन घबराइए मत, हम आज आपको कुछ ऐसे टीप्स बताएंगे जिससे आपके बच्चे की ये बूरी आदत छूट जाएंगी।
शारीरिक रूप से फिट रहना बच्चों के लिए बहुत जरूरी है। कोशिश करें कि आपका बच्चा बाहर पार्क में ज्यादा समय बिताएं। इससे उसका विकास भी सही से होगा और उसे फोन से दूर रहने में मदद करेगा।
बच्चा जो देखेगा वही सीखेगा
बच्चा अपने आसपास जो भी देखता हैं वही सीखता हैं। इसलिए कोशिश करें कि अपने छोटे बच्चे के सामने आप भी फोन और टेक से दूरी बनाकर रखें। ऐसा करना उनके सही डेवलपमेंट के लिए बहुत जरूरी है। साथ ही ये आपके लिए भी फायदेमंद होगा।
साइड इफेक्ट्स बताएं
छोटे बच्चे को जो सीखाया जाएगा वो आसानी से सीख जाता है। इसलिए उन्हें हमेशा फोन और अधिक स्क्रीन देखने के नुकसान के बारे में बताएं। टेक के नुकसान से उन्हें जरूर अवगत कराएं। इसके प्रति दूरी बनाने के लिए उन्हें प्रेरित करना जरूरी हैं।
फोन की सेटिंग बदलें
अगर आप अपने बच्चे को कुछ कहने से बचना चाहते हैं तो आप अपने या उनके फोन की सेटिंग बदल सकते हैं। इसके लिए आप फोन के सेटिंग्स में जाकर फोन का स्क्रीन ऑन टाइम सेट कर सकते हैं। इससे वो तय समय से ज्यादा देर के लिए फोन यूज नहीं कर पाएंगे।
फैमिली टाइम बिताएं
बच्चों को फोन की लत लगने के पिछे उनके मां-बाप का उन्हें समय नहीं देना होता हैं। इसलिए कोशिश करें कि ज्यादा से ज्यादा समय आप पूरे फैमली के साथ एक साथ बिताएं. इससे बच्चे को फोन यूज करने का टाइम ही नहीं मिलेगा।