2022 के लेबनानी चुनावों में हिज़्बुल्लाह के खिलाफ सऊदी अरब के लाखों डॉलर खर्च का खुलासा
पंजीकरण की अवधि समाप्त होने के साथ ही लेबनान के संसदीय चुनाव कल से एक नए चरण में प्रवेश कर गए हैं। जबकि हिज़्बुल्लाह विभिन्न क्षेत्रों में अपने सहयोगियों के साथ अपने नवीनतम कार्यक्रमों पर काम करना जारी रखे हुए है, लेबनान के सुन्नी क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित हो गया है।
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पहला भाग
पंजीकरण की अवधि समाप्त होने के साथ ही लेबनान के संसदीय चुनाव कल से एक नए चरण में प्रवेश कर गए हैं। जबकि हिज़्बुल्लाह विभिन्न क्षेत्रों में अपने सहयोगियों के साथ अपने नवीनतम कार्यक्रमों पर काम करना जारी रखे हुए है, लेबनान के सुन्नी क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित हो गया है। सुन्नी क्षेत्रों में एक नए सऊदी आंदोलन ने लेबनान के चुनाव अभियानों की देखरेख की जिम्मेदारी ली है। यह दिखाता है कि सऊदी सुरक्षा अधिकारियों और सऊदी राजनयिकों के बीच लेबनान में कई रियाद सहयोगियों के साथ संपर्क फिर से स्थापित हो गया है।
अल-शौफ-अलियाह निर्वाचन क्षेत्र में सऊदी अरब द्वारा "वालिद जुम्बल्ट", प्रोग्रेसिव सोशलिस्ट पार्टी के नेता, और लेबनानी फोर्सेस पार्टी के नेता "समीर गेगेआ" को एकजुट करने में सक्षम होने के बाद, अब ध्यान बेरूत पर केंद्रित है। अब सारा ध्यान बैरूत, त्रिपोली, सिडोन पर केंद्रित है। जहां लेबनान के पूर्व प्रधान मंत्री फौद सिनिओरा लेबनानी बल पार्टी के साथ चुनाव अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं। वर्तमान में इस पार्टी को लेबनान में पहला सऊदी सहयोगी माना जा रहा है। फौद सिनिओरा ने कहा है कि वह लेबनान के पूर्व प्रधान मंत्री और अलमुसतकबल पार्टी के प्रमुख साद हरीरी के आगामी संसदीय चुनावों से हटने सुन्नी घटक पर नकारात्मक प्रभाव को कम करने का इरादा रखते हैं।
यह गतिविधिया और रमज़ान में मानवीय सहायता के रूप में सऊदी अरब द्वारा बड़ी मात्रा में धन का प्रवाह लेबनान के विभिन्न हिस्सों में हिज़्बुल्लाह विरोधी के साथ मेल खाते हैं।
जानकारी से पता चलता है कि सऊदी दूतावास ने लेबनान के चुनावों में पैसा खर्च करने की जिम्मेदारी ली है। और यह उम्मीद की जाती है कि बेरूत में सऊदी राजदूत वलीद अल-बुखारी की वापसी के तुरंत बाद, दूतावास लेबनान के संसदीय चुनावों के लिए फिर से सक्रिय हो जाएगा। सऊदी राजनयिकों के कुछ दिन पहले के लेबनान दौरों को भी इसी परिवेष में देखा जाना चाहिए।
गौरतलब है कि पिछले दो दिनों में वलीद अल-बुखारी ने रमजान के पवित्र महीने के आगमन पर बधाई देने के लिए फौद सेनिउरा से फोन पर बातचीत की है। और अल-अखबर की रिपोर्ट के अनुसार फौद सेनिउरा को पहले भी इसी तरह का फोन आया था जिसमें उन्होंने सऊदी खुफिया सेवा के प्रमुख अल-हमीदान से बातचीत की थी।
लेबनानी विपक्षी समूहों ने वलीद अल-बुखारी के हवाले से बताया है कि सऊदी अरब का कहना है कि लेबनान के चुनावों में इस देश की स्थिति तटस्थ है और किसी का समर्थन नहीं करता है। और फौद सेनिउरा जिन्होंने अपने अभियान के लिए धन की कमी के बारे में शिकायत की थी, अब सऊदी राजदूत वलीद द्वारा लेबनान लाए गए पैसे की तरफ़ आशा भरी नज़रों से देख रहे हैं। हालांकि अब तक उनको इस धन को प्राप्त करने में कामयाबी नहीं मिली है।
फौद सेनिउरा के करीबियों ने भी जोर देकर कहा कि सेनिउरा के साथ सऊदी अरब के अच्छे संबंधों का मतलब उनके अभियान के लिए रियाद का समर्थन है, और रियाद ने मानवीय सहायता और नागरिक और राजनीतिक संघों के माध्यम से फौद सेनिउरा और हिज़्बुल्लाह के दूसरे विरोधियों के अभियान को वित्तीय सहायता प्रदान करने का फैसला किया है।
जानकारी से यह भी पता चलता है कि सऊदी अरब ने लेबनान के संसदीय चुनावों पर बेरूत में खर्च करने के लिए 10 मिलियन डॉलर आवंटित किए हैं, जिनमें से अधिकांश फ़ौद सेनिउरा के अभियान में जा सकते हैं।
इस बीच, फौद सेनिउरा बेरूत और अन्य क्षेत्रों में जनता का समर्थन प्राप्त करने के लिए अपनी कोशिशों को लगातार जारी रखे हुए हैं। इस संबंध में, सेनिउरा पहले हरीरी परिवार के साथ काम कर चुके लेबनान के सुन्नी मुफ्ती अब्दुल लतीफ दरियान के साथ कई बार मिल चुके हैं, साथ ही धार्मिक लोगों के साथ बैठकें भी कर चुके हैं। सेनिउरा ने जोर देकर कहा कि उसका लक्ष्य मैदान को खाली नहीं छोड़ना है और वह हिज़्बुल्लाह के खिलाफ किसी भी परियोजना का नेतृत्व नहीं कर रहे हैं।
लेबनान के इस पूर्व प्रधान मंत्री ने यह भी स्पष्ट रूप से कहा है कि उन्होंने जो सूची संकलित की है और अन्य क्षेत्रों में वह जिन सूचियों का समर्थन करते हैं, वे हिज़्बुल्लाह के विरोध में हैं।