भारत में संसद भवन परिसर में धरना और प्रदर्शन पर रोक लगाने वाले आदेश का विरोध शुरू हो गया है जिसे देखते हुए लोकसभा सचिवालय ने सफ़ाई दी है।
स्पष्टीकरण में कहा गया है कि यह महज़ एक सामान्य प्रक्रिया है और हर सत्र से पहले इसे जारी किया जाता है, लोकसभा सचिवालय के अनुसार, ऐसे दिशा-निर्देश हर सत्र से पहले जारी किये जाते हैं। पिछले साल 3 अगस्त 2021 को भी संसद परिसर में धरना-प्रदर्शन नहीं करने को लेकर एडवाइज़री जारी की गई थी, जयराम रमेश जब डॉक्टर मनमोहन सिंह की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार में केंद्रीय मंत्री थे तब भी यह सलाह जारी की गई थी।
सुर्कलर को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक ट्वीट किया था, इसमें पार्लियामेंट की इस बुलेटिन को शेयर करते हुए सरकार पर निशाना साथा कि विषगुरू का ताजा प्रहार...धरना मना है।
जयराम रमेश ने 14 जुलाई का बुलेटिन भी साझा किया। गौरतलब है कि राज्यसभा सचिवालय के एक बुलेटिन में कहा गया है कि संसद भवन परिसर का इस्तेमाल धरना, प्रदर्शन, हड़ताल, अनशन या धार्मिक समारोहों के लिये नहीं किया जा सकता। धरना, प्रदर्शन को लेकर यह बुलेटिन ऐसे समय में सामने आया है जब एक दिन पहले ही लोकसभा सचिवालय द्वारा जारी असंसदीय शब्दों के संकलन को लेकर कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने सरकार पर निशाना साधा था।
मानसून सत्र से पहले राज्यसभा के महासचिव पीसी मोदी द्वारा जारी बुलेटिन में इस विषय पर सदस्यों से सहयोग का अनुरोध किया गया है।
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