जगदीप धनखड़ पश्चिम बंगाल के राज्यपाल भी रह चुके हैं।
जगदीप धनखड़ को 528 वोट मिले, जबकि मार्गरेट अल्वा को केवल 182 वोट पर संतोष करना पड़ा। मतदान के दौरान 780 में से 725 सांसदों ने अपने मत का इस्तेमाल किया। उपराष्ट्रपति पद के चुनाव में जीत के लिए 390 से अधिक मतों की आवश्यकता थी।
भारत के नए उपराष्ट्रपति के निर्वाचन के लिए शनिवार को हुए मतदान में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ विजयी घोषित हुए हैं। उनका मुकाबला विपक्ष की संयुक्त उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा से था।
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धनखड़ को जहां 528 वोट मिले, वहीं अल्वा को सिर्फ 182 वोटों पर संतोष करना पड़ा, जबकि 15 वोट अमान्य करार दिये गए। लोकसभा के महासचिव उत्पल कुमार सिंह ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सुबह 10 बजे से शुरू हुआ चुनाव शाम 5 बजे तक चला। इस दौरान 780 में से 725 सांसदों ने अपने मत का इस्तेमाल किया। वोटिंग खत्म होने के तुरंत बाद ही बैलेट बॉक्स को सील कर दिया गया। मतों की गिनती शाम 6 बजे शुरू हुई। कुल 725 वोट डाले गए जिसमें से 710 वोट ही मान्य थे।
जीत के लिए 390 से अधिक मतों की आवश्यकता थी। संसद में वर्तमान सदस्यों की मौजूदा संख्या 788 है, जिनमें से केवल भाजपा के 394 सांसद हैं। ऐसे में आंकड़ों के लिहाज से पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल धनखड़ की जीत पहले से ही तय मानी जा रही थी। धनखड़ 71 वर्ष के हैं और वह राजस्थान के प्रभावशाली जाट समुदाय से संबंध रखते हैं।
चुनाव में पराजित होने वाली अस्सी वर्षीय अल्वा कांग्रेस की वरिष्ठ नेता हैं और वह राजस्थान के राज्यपाल के रूप में भी काम कर चुकी हैं।
सोर्स पार्स टूडे