पीएफआई द्वारा पुणे में किया गया प्रदर्शन विवाद का केंद्र बन गया क्योंकि कई मीडिया संगठनों और कई ट्विटर हैंडल द्वारा दावा किया गया कि प्रदर्शनकारियों ने ‘पाकिस्तान ज़िंदाबाद’ के नारे लगाए थे।
पुणे में प्रदर्शन के दौरान पीएफआई कार्यकर्ताओं को एक पुलिस वैन में धकेलते हुए दिखाया गया एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वे नारे लगाते नजर आ रहे हैं।
वायरल वीडियो शेयर करने वाले कई यूजर्स ने दावा किया है कि वीडियो में प्रदर्शनकारियों को ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाते हुए सुना जा सकता है। पुणे में कथित तौर पर 40 पीएफआई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया था।
एएनआई ने कहा कि हालांकि ऑडियो अस्पष्ट है, लेकिन मौके पर मौजूद पत्रकारों ने ‘पुष्टि’ की।
इनके अलावा और भी मीडिया संगठनों और भाजपा नेताओं ने इन्हीं दावों के साथ उक्त वीडियो शेयर किया था।
वायरल वीडियो के दावों को सत्यापित करने के लिए ऑल्ट न्यूज ने उक्त घटना के कई अन्य वीडियो देखे, ताकि यह पता लगाया जा सके कि जब कथित नारे लगाए गए थे, तो क्या वे अन्य वीडियो में भी सुने गए।
उक्त घटना के कई वीडियो जो ऑल्ट न्यूज़ मौके पर मौजूद विभिन्न पत्रकारों से प्राप्त कर सका, उनमें अन्य कोणों से फिल्माए गए दो वीडियो मिले और इनमें वही महत्वपूर्ण घटनाक्रम था जो वायरल वीडियो में भी मौजूद था।
ऑल्ट न्यूज की इस पड़ताल में सामने आया कि इस दौरान जो नारे लगाए जा रहे थे, वे ‘पॉपुलर फ्रंट जिंदाबाद’ के थे, जो स्पष्ट सुने जा सकते थे।
न्यूजलॉन्ड्री ने भी इस संबंध में एक रिपोर्ट की है, जिसमें विभिन्न मीडिया संगठनों व अन्यों के उन दावों का खंडन किया गया है जिनमें उन्होंने कहा था कि प्रदर्शन के दौरान पाकिस्तान समर्थक नारे लगाए गए थे।
एक क्षेत्रीय चैनल दिव्य भारती ने पुलिस सूत्रों के हवाले से बताया है कि ‘पाकिस्तान जिंदाबद’ के नारे नहीं लगे थे.रिपोर्ट में कहा गया है, ‘पुणे पुलिस कमिश्नर अमिताभ गुप्ता ने पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगने से इनकार किया है। इसी तरह, पुणे डीसीपी सागर पाटिल ने भी कहा है कि पीएफआई की रैली में ऐसे कोई भी नारे नहीं लगाए गए।