अदालत ने जाने माने नेता पर 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
ख़राब स्वास्थ्य के बावजूद जेल में बेहद कठिन समय गुज़ारने के बाद ज़मानत पर रिहा होने वाले आज़म ख़ां को जहां यह सज़ा सुनाई गई है वहीं यह ख़बर भी है कि अदालत से ही उन्हें इस मामले में अंतरिम बेल मिल जाएगी।
दोषी साबित होने के बाद ही उन्हें अदालती कस्टडी में ले लिया गया था।
वर्ष 2019 में चुनाव के दौरान आजम खान ने तहसील मिलक में भाषण दिया था, जिसे लेकर कोर्ट का फैसला आया है, खान पर हेट स्पीच देने का आरोप है। उन्होंने 7 अप्रैल 2019 को रामपुर के समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के संयुक्त उम्मीदवार के रूप में अपनी चुनावी सभा में भाषण देते हुए रामपुर में तैनात कई प्रशासनिक अधिकारियों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कुछ आरोप लगाए थे, उनके इस भाषण पर संज्ञान लेते हुए चुनाव आयोग ने कार्यवाही की थी और चुनाव आयोग की वीडियो टीम के इंचार्ज द्वारा एक एफआईआर दर्ज कराई गई थी।
इसी मामले में अदालत ने यह फ़ैसला सुनाया है।