मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि 15 वर्षों बाद प्रदेश में सम्मलेन होने जा रहा है। ऐसे में यह सम्मेलन ब्लड ट्रांसफ्यूजन के फील्ड में काम करने वाले सभी विशेषज्ञों और स्टेक होल्डर के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा, जो इस क्षेत्र में प्रदेश को आगे ले जाने की दिशा में अहम भूमिका निभाएगा।
पूरे देश में रोजाना डेढ़ करोड़ यूनिट ब्लड की जरूरत पड़ती है। इसमें से 20 से 25 लाख यूनिट ब्लड कम पड़ जाता है। इसकी वजह लोगों में जागरुकता का अभाव है। अक्सर देखने में आता है कि परिवार के लोग ही मरीज को ब्लड देने के लिए तैयार नहीं होते हैं।
ये उनमे ब्लड डोनेशन को लेकर जागरुकता का न होना दर्शाता है। इसमें सबसे बड़ी कमी हमारी है। इसका फायदा उठाकर रक्तदाता पैसों की डिमांड करता है और ब्लड के साथ कई बीमारियाें को भी देने का काम करता है।
वहीं आज एक यूनिट ब्लड से टेक्नोलॉजी का प्रयोग कर कई लोगों की जान बचायी जा सकती है। ऐसे में हम सभी की जिम्मेदारी है कि लोगों को ब्लड डोनेशन के लिए जागरुक करें ताकि ब्लड की कमी को दूर किया जा सके।
टेक्नोलाॅजी के आदान प्रदान में अहम भूमिका निभाते हैं ऐसे कांफ्रेंस: सीएम
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 15 वर्षों बाद प्रदेश में सम्मलेन होने जा रहा है। ऐसे में यह सम्मेलन ब्लड ट्रांसफ्यूजन के फील्ड में काम करने वाले सभी विशेषज्ञों और स्टेक होल्डर के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा, जो इस क्षेत्र में प्रदेश को आगे ले जाने की दिशा में अहम भूमिका निभाएगा।