पोप बेनेडिक्ट को 2013 में चर्च में बाल यौन शोषण जैसे विवादों के चलते अपने पद से इस्तीफ़ा देना पड़ा था, हालांकि उन्होंने गिरती सेहत को अपने इस्तीफ़े की वजह बताया था।
बेनेडिक्ट से पहले 1415 में पोप ग्रेगरी बारहवें अपने पद से इस्तीफ़ा देने वाले पहले पोप थे। हालांकि, तब ईसाइयों के दो गुटों का झगड़ा इसकी वजह बनी थी।
पोप बेनेडिक्ट का कार्यकाल वेटिकन चर्च के दो हज़ार साल के इतिहास में सबसे अधिक विवादों से घिरा रहा। पिछले साल पोप बेनेडिक्ट ने आख़िरकार स्वीकार किया था कि 1980 में वे उस मीटिंग में मौजूद थे, जिसमें बाल यौन शोषण के एक आरोपी प्रीस्ट के बारे में विचार किया गया था।
जबकि उससे कुछ दिन पहले ही जर्मनी की एक लॉ फ़र्म की रिपोर्ट में पोप के हवाले से कहा गया था कि वे ऐसी किसी मीटिंग का हिस्सा नहीं थे।
पुराना बयान बदलने पर बेनेडिक्ट ने सफ़ाई दी थी। उन्होंने कहा था कि ऐसा मेरे स्टेटमेंट की एडिटिंग में ग़लती के कारण हुआ था।
बेनेडिक्ट 1977 से 1982 तक म्यूनिख़ चर्च के आर्कबिशप थे। इसी दौरान चर्च में बाल यौन शोषण के चार मामलों की जानकारी मिली थी।
पूर्व पोप पर चर्च में बाल यौन शोषण के मामलों में लापरवाही के आरोप लगे थे। उन पर आरोप था कि उनके आर्कबिशप रहते हुए यह अपराध हुए थे। इतना ही नहीं जिन लोगों पर आरोप लगे थे वे सभी चर्च में अहम पदों पर काम करते रहे।
पाकिस्तान और भारत के प्रधानमंत्रियों ने पोप बेनेडिक्ट की मौत पर दुख ज़ाहिर करते हुए ट्वीट किया है।
प्रधान मंत्री मोदी ने अपने ट्वीट में लिखाः पोप बेनेडिक्ट के निधन से दुखी हूं। उन्हें समाज के लिए समृद्ध सेवा के लिए याद किया जाएगा।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने पूर्व पोप को एक महान धर्मशास्त्री बताया है, तो फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रां ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि पोप बेनेडिक्ट ने दुनिया में भाईचारे को बढ़ाने के लिए अपने पूरे दिल और दिमाग़ के साथ काम किया।