उत्तरकाशी जिले में सिलक्यारा सुरंग के एक हिस्से के ढहने के कारण उसके अंदर पिछले 140 घंटे से अधिक समय से फंसे 40 श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए 'एस्केप टनल' बनाने के लिये नयी और शक्तिशाली अमेरिकी ऑगर मशीन ने शुक्रवार को मलबे को 24 मीटर तक भेद दिया।
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में सिलक्यारा सुरंग में दर्जनों मजदूर 150 घंटे से अधिक समय से फंसे हुए हैं और उन्हें बचाने के लिए एक बड़ी कवायद की जा रही है। शुक्रवार शाम अचानक "दरार आने की आवाज" सुनने के बाद बचाव अभियान रुक गया और ड्रिलिंग मशीन में भी खराबी आ गई।
रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे अधिकारियों ने बताया है कि दुर्घटनास्थल पर दूसरा भारी ड्रिल विमान से भेजा गया है। ऐसा माना जा रहा है कि आज फिर से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हो जाएगा
शुक्रवार को रेक्स्यू ऑपरेशन को बड़ा झटका तब लगा, जब अमेरिकी ऑगर मशीन बीच में ही खराब हो गई। मशीन की बेयरिंग खराब होने की वजह से वह आगे ही नहीं बढ़ सकी।करीब 25 मीटर की ड्रलिंग के बाद मशीन नीचे किसी मेटेलिक चीज़ से टकरा गई। इससे तेज आवाज आई दोपहर 2:45 के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन रोक दिया गया।
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ड्रिल किए गए स्टील पाइप के जरिए भोजन और पानी की आपूर्ति
सुरंग का एक हिस्सा धंसने के बाद रविवार सुबह से 40 मजदूर फंसे हुए हैं। अधिकारियों ने बताया कि सभी 40 मजदूर सुरक्षित हैं और उन्हें ड्रिल किए गए स्टील पाइप के जरिए भोजन और पानी की आपूर्ति की जा रही है। फंसे हुए श्रमिकों के परिवार दुर्घटनास्थल पर पहुंच गए हैं और उम्मीद खो रहे है।
श्रमिकों को ट्रॉमा, हाइपोथर्मिया का खतरा
सुरंग में फंसे मजदूरों की शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को लेकर भी चिंताएं बढ़ रही हैं। डॉक्टरों का कहना है कि लंबे समय तक कैद में रहने से मानसिक और शारीरिक दोनों तरह से बेहद प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकते हैं। श्रमिकों को ट्रॉमा, हाइपोथर्मिया का खतरा भी है।
अधिकारियों ने बताया कि सुरंग में फंसे श्रमिकों को लगातार खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है। उन्हें ऑक्सीजन, बिजली, दवाइयां और पानी भी पाइप के जरिए निरंतर पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि श्रमिकों से निरंतर बातचीत जारी है और बीच-बीच में उनकी उनके परिजनों से भी बात कराई जा रही है।