अखबार ने बजरंग दल को एक कट्टरपंथी हिंदू संगठन क़रार दिया है जिसका भारत में हिंसा का इतिहास है। रिपोर्ट के अनुसार, ऐसे आठ पोस्ट को, जिनमें से कुछ अप्रैल 2022 के रहे हैं, हिंदुत्व वॉच के संस्थापक रक़ीब अहमद नाइक द्वारा खोजा गया। हिंदुत्व वॉच वह समूह है जो भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ हमलों की निगरानी करता है।
अमरीकी समाचार पत्र के अनुसार, रक़ीब ने जनवरी में इन पोस्ट के बारे में मेटा को रिपोर्ट करना शुरू किया क्योंकि ये पोस्ट ‘कंपनी की सार्वजनिक रूप से घोषित उस नीति का उल्लंघन करते हैं जो निजी व्यक्तियों को फ़ेसबुक मंच पर बंदूकें या गोला-बारूद ख़रीदने या बेचने से रोकती है।
अखबार का दावा है कि उसने उन दस्तावेजों की समीक्षा की है, जो स्थापित करते हैं कि ‘फ़ेसबुक ने पोस्ट यह कहते हुए हटाने से इनकार कर दिया कि उन्होंने कंपनी के नियमों का उल्लंघन नहीं किया।
अखबार का कहना है कि पोस्ट के बारे में पूछताछ के बाद फेसबुक ने 7 फरवरी को यह कहते हुए उन्हें हटा दिया कि वे कंपनी की नीतियों के ख़िलाफ़ हैं।
अख़बार ने एक मेटा प्रवक्ता के हवाले से लिखा है कि हम लोगों को हमारे ऐप पर बंदूकें खरीदने या बेचने से रोकते हैं और उल्लंघन करने वाली सामग्री को देखते ही हटा देते हैं। अख़बार का कहना है कि प्रवक्ता ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि जब पहली बार रिपोर्ट की गई तो पोस्ट को क्यों नहीं हटाया गया।
ज्ञात रहे कि 2018 में बजरंग दल, विश्व हिंदु परिषद का युवा के साथ ही अमेरिकी केंद्रीय खुफिया एजेंसी द्वारा ‘उग्रवादी धार्मिक संगठन’ माना गया था।
बजरंग दल और विहिप के एक प्रवक्ता ने अखबार को बताया कि बजरंग दल को लेकर अमेरिकी सरकार का आकलन ग़लत है, इसका कोई भी सदस्य बंदूक आदि नहीं ख़रीदता और संगठन हिंसा में विश्वास नहीं करता है।