कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने बुधवार को मोदी सरकार के ख़िलाफ़ विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डिवेलपमेंटल इन्क्लुसिव अलायंस यानी इंडिया की ओर से अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है।
अगर अविश्वास प्रस्ताव स्पीकर के पास 10 बजे के पहले चला जाता है तो माना जाता है कि इस पर चर्चा संसद में उसी दिन होगी। हालांकि स्पीकर ओम बिड़ला ने अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है और कहा है कि चर्चा के बाद इसकी तारीख़ तय की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि अविश्वास प्रस्ताव निचले सदन में लाया जा सकता है। इन्हें केंद्र सरकार के मामले में लोकसभा और राज्य सरकारों के मामले में विधानसभा में लाया जाता है। संविधान के अनुच्छेद 118 के तहत हर सदन अपनी प्रक्रिया बना सकता है जबकि नियम 198 के तहत ऐसी व्यवस्था है कि कोई भी सदस्य लोकसभा अध्यक्ष को सरकार के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दे सकता है। स्पीकर यदि अविश्वास प्रस्ताव मंज़ूर कर लेते हैं और सत्तापक्ष सदन में बहुमत साबित करने में सफल नहीं रहता है तो सरकार गिर जाती है।