एनडीए में अभी बिहार की हाजीपुर सीट पर चिराग पासवान की दावेदारी का मामला सुलझ नहीं पाया है। इसी बीच एनडीए के नए साझेदार हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) ने अपनी एक नई मांग रख दी है। हम (सेक्युलर) के नेता जीतन राम मांझी ने जमुई लोकसभा सीट पर अपनी पार्टी का दावा किया है।
जीतन राम मांझी ने कहा है कि जमुई सीट भोला मांझी की सीट है। वे यहां के सांसद थे। यह सीट मुसहरों और भुइयां की सीट है। जमुई को लेकर एनडीए में सीट देने की बात होगी तो हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा मांग रखेगी कि भोला मांझी की विरासत को कायम रखा जाए।
जीतन राम मांझी की इस मांग से बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए के अंदर एक खींचतान हो सकती है, क्योंकि इस सीट से फ़िलहाल एलजेपी (रामविलास) के नेता चिराग पासवान सांसद हैं. चिराग 2014 और 2019 में यहां से चुने गए थे।
चिराग पासवान के जमुई से सांसद होने के सवाल पर मांझी ने पत्रकारों से कहा, “ऐसा बहुत होता है। बहुत से लोग अपनी सीट बदलते हैं। सीट देना न देना एनडीए के नेताओं का काम है
हमारा काम है अपनी मांग रखना और मांग रखना तो ग़लत नहीं है।”
जमुई के सांसद रहे भोला मांझी कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया यानी सीपीआई के नेता थे। भोला मांझी 1971 में जमुई सीट से लोकसभा पहुंचे थे। इलाक़े में उनकी छवि एक साफ़ ईमानदार नेता के तौर पर मानी जाती है। जमुई सीट का फ़ैसला एनडीए की बैठक में होगा, मीडिया में नहीं। हर पार्टी बिहार की सभी चालीस सीटों पर तैयारी कर रही है, लेकिन अंतिम फ़ैसला गठबंधन करेगा।
बंटवारा कितना मुश्किल
हाल ही में जमुई की एक सभा में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी और उनके बेटे संतोष सुमन ने भी जमुई सीट पर एक तरह से अपना दावा पेश किया है।
जीतन राम मांझी कुछ हफ़्ते पहले ही बिहार में महागठबंधन का साथ छोड़कर एनडीए के साथ फिर से जुड़े हैं।
यह माना जाता है कि जीतन राम मांझी गया की एक लोकसभा सीट को साझेदारी में ख़ुद के हिस्से में देखते हैं। मांझी इस सीट से साल 2014 में चुनाव लड़ चुके हैं। यह सीट उनके इलाक़े में भी आती है। इसके अलावा कुछ अन्य सीटों पर भी उनकी नज़र है।