सऊदी अरब ने कहा है कि उसने शनिवार को 81 पुरुषों को सज़ा-ए-मौत दी है। ये आंकड़ा बीते पूरे साल के दौरान सऊदी अरब में दी गई मौत की सज़ा से ज़्यादा है।
सरकारी समाचार एजेंसी एसपीए के अनुसार, मौत की सज़ा पाने वालों में सात यमनी और एक सीरियाई नागरिक शामिल हैं। इन्हें चरमपंथ सहित "एक से ज़्यादा जघन्य अपराधों" के लिए सज़ा दी गई है।
इनमें से कुछ पर कथित चरमपंथी समूह इस्लामिक स्टेट, अल-क़ायदा और यमन के हूती विद्रोहियों के समूहों से जुड़े होने का आरोप था।
हालांकि मानवाधिकार संगठनों ने सऊदी अरब की सरकार पर आरोप लगाया है कि मौत की सज़ा पाने वालों में कई लोग बेकसूर थे और इनमें से कई आरोपियों को निष्पक्ष तौर पर क़ानूनन अपनी दलील देने का मौक़ा भी नहीं दिया गया।
प्राप्त समाचारों के अनुसार मौत की सज़ा पाने वाले सभी लोगों पर देश के महत्वपूर्ण वित्तीय ठिकानों पर हमले की साजिश रचने, सुरक्षाबलों को मारने या उन्हें निशाना बनाने, अपहरण, यातना, बलात्कार और देश में हथियारों की तस्करी करने का आरोप लगाया गया था.
सऊदी अरब में बीते सालभर में 69 लोगों को मौत की सज़ा दी गई थी.
मौत की सज़ा देने वाले दुनिया के शीर्ष देशों में सऊदी अरब का नाम शामिल है. इस मामले में वो दुनिया में पांचवें पायदान पर है.