नैब की अदालत के जज मुहम्मद बशीर ने अडियाला जेल में तोशाख़ाना रेफ़रेंस का फ़ैसला सुनाते हुए इमरान और उनकी पत्नी को किसी भी अवामी ओहदे के लिए 10 साल के लिए अयोग्य घोषित कर दिया।
सज़ा सुनाए जाने के बाद बुशरा बीबी गिरफ़तारी देने के लिए अडियाला जेल पहुंच गईं। जेल के सूत्रों का कहना है कि बुशरा बीबी की चिकित्सा जांच होगी उसके उन्हें महिलाओं के बैरक में रखा जाएगा।
पाकिस्तान में आगामी 8 फ़रवरी को चुनाव होने वाले हैं जिससे लगभग एक सप्ताह पहले यह फ़ैसला सुनाया गया है। पीटीआई इस चुनाव में अपने चुनावी निशान के बग़ैर हिस्सा ले रही है।
तोशाख़ान केस में अदालत ने इमरान ख़ान को गत वर्ष 5 अगस्त को दोषी घोषित करते हुए तीन साल क़ैद की सज़ा सुनाई थी जिसके बाद उन्हें गिरफ़तार कर लिया गया था।
इसके बाद 29 अगस्त को इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने तोशा ख़ाना केस में गिरफ़तारी के बाद अटक जेल में क़ैद इमरान ख़ान की सज़ा निलंबित करते हुए उन्हें रिहा करने का आदेश दिया था। मगर विशेष अदालत ने साइफ़र केस में आफ़ीशियल सिक्रेट एक्ट के तहत पूर्व प्रधानमंत्री को जेल में ही क़ैद रखने का आदेश दिया था।