ग्लोबल टाइम्स न्ज़ूज़ 24 ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स के हवाले से यह जानकारी दी है कि एक स्वास्थकर्मी ने बताया है कि रमज़ान के पवित्र महीने में इजरायल द्वारा अक-अक्सा पर हमले के बाद से फिलिस्तीनी और इजरायली पक्ष में संघर्ष जारी है। बताते चलें कि यहूदी भी अल-अक्सा को अपना पवित्र धार्मिक स्थल मानते हैं।
स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार ताज़ा संघर्ष तब शुरू हुआ जब जुमे की नमाज़ के दौरान इजरायली बल अल-अक्सा परिसर में प्रवेश कर गए और नमाज़ में व्यवधान डाला।
हालांकि इजरायली पुलिस का कहना है कि इजरायली पुलिस को फिलिस्तीनियों के विरुद्ध तब कार्यवाही करनी पड़ी जब कुछ लोग अल- अक्सा की पश्चिमी दीवार की तरफ़ आ गए जहां पर यहूदियों की पूजा चल रही थी, और वहां पत्थरबाज़ी की और पटाख़े फेंकने शुरू कर दिए।
इस पत्थर बाज़ी में एक इजरायली पुलिस घायल हो गए और पटाख़े फेंकने के कारण एक पेड़ जल गया।
ड्रोन से छोड़ी गई आंसू गैस
समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने चश्मीदों के हवाले से बताया है कि इजरायली पुलिस सुबह नमाज़ के बाद परिसर में दाख़िल हुई और भीड़ पर रबर की गोलियां और स्टन ग्रेनेड दागे।
चश्मदीदों के अनुसार पुलिस बल ने नमाज़ियों को तितर बितर करने के लिए लोगों पर आंसू गैस छोड़ने के लिए ड्रोन का भी इस्तेमाल किया। इससे नमाज़ के लिए आए दर्जनों श्रद्धालुओं का दम घुटने लगा।
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कुद्स इस्लामिक वक़्फ़ के अनुसार, मस्जिद के परिसर में नमाज़ अदा करने के लिए करीब 150,000 फ़लस्तीनी शुक्रवार को नमाज़ के लिए मौजूद थे जब उन पर आंसू गैस छोड़े गए।
सऊदी की सरकारी न्यूज़ एजंसी अल-अरबिया ने ड्रोन से आंसू गैस छोड़े जाने का एक वीडियो भी शेयर किया है।