हिज़्बुल्लाह के महासचिव सैय्यद हसन नसरुल्लाह ने कहा है कि जैसे-जैसे दिन गुज़र रहे हैं वैसे-वैसे विश्व कुद्स दिवस की आवश्यकता बढ़ रही है और दिन घोषित करने में इस्लामी क्रांति के संस्थापक स्वर्गीय इमाम ख़ुमैनी की दूरदर्शिता और तर्कसंगतता स्पष्ट हो रही है।
विश्व क़ुद्स दिवस की पूर्व संध्या पर मंगलवार रात अरबी समाचार चैनल अलमसीरा पर विशेष कार्यक्रम में बोलते हुए हिज़्बुल्लाह महासचिव सैयद हसन नसरुल्लाह ने कहा कि विश्व क़ुद्स दिवस ने मातृभूमि की आज़ादी के लिए संघर्ष कर रहे फ़िलिस्तीनी (प्रतिरोधक) बलों के जियालों को नया जीवन दिया है। उन्होंने कहा कि आज फ़िलिस्तीन की मज़लूम जनता के समर्थन में लोग सामने आ रहे हैं। प्रतिरोधक बलों में संघर्षकर्ता जियालों की संख्या भी दिन प्रतिदिन बढ़ रही है। हिज़्बुल्लाह महासचिव ने कहा कि ज़ायोनी दुश्मनों को उम्मीद थी कि समय बीतने के साथ, फ़िलिस्तीन का मुद्दा धुमिल होता जाएगा और लोग इसे भुला देंगे।
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सैयद हसन नसरुल्लाह ने कहा कि इस समय इस्लामी जगत का अगर कोई मुद्दा सबसे ज़्यादा महत्वपूर्ण है तो वह है फ़िलिस्तीन का मुद्दा। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि दुश्मन यह कोशिश नहीं कर रहे हैं कि फ़िलिस्तीन के मुद्दे को मुसलमानों का पहला मुद्दा न रहने दे और यही कारण है कि साम्राज्यवादी शक्तियां और ज़ायोनी शासन विभिन्न मुद्दों को पैदा करके विश्व जनमत को फ़िलिस्तीनी संकट से दूर रखने की कोशिश करते हैं, लेकिन वे अपने इस षड्यंत्र में कभी भी सफल नहीं हो पाएंगे। उन्होंने कहा कि अब तो कठिन समय पार हो चुका है और अल्लाह की मदद से जीत के क़रीब पहुंच चुके हैं। उन्होंने कहा कि फ़िलिस्तीन को इजरायल के चंगुल से मुक्त कराने की इच्छा जल्द ही साकार होगी। हम बहुत जल्द सभी साज़िशों के जाल को तोड़ देंगे और सभी बाधाओं को दूर करेंगे।
उल्लेखनीय है कि ईरान की इस्लामी क्रांति के संस्थापक इमाम ख़ुमैनी ने फ़िलीस्तीनी मुद्दे को जीवित रखने और बैतुल मुक़द्दस को इजरायल के चंगुल से मुक्त करने के संघर्ष में फ़िलिस्तीनी राष्ट्र के साथ एकजुटता दिखाने के लिए विश्व कुद्स दिवस मनाने का आह्वान किया था। हर साल रमजान के महीने के अंतिम शुक्रवार को ईरान समेत दुनिया भर में विश्व क़ुद्स दिवस के अवसर पर फ़िलिस्तीनी राष्ट्र के समर्थन में विभिन्न तरह के कार्यक्रमों का आयोजन होता है। बड़ी-बड़ी रैलियां भी निकाली जाती है। इस साल विश्व कुद्स दिवस 29 अप्रैल को मनाया जाएगा।
सोर्स : पार्स टूडे