लाल किले में नहर-ए-बहिश्त हुआ करती थी, जो पूरे लाल किले में बहती थी और इसमें जगह-जगह फव्वारे लगे थे। इसके लिए पानी यमुना से खींचा जाता था और नहर-ए-बहिश्त से वह फव्वारे तक पहुंचता था। जामा मस्जिद में हौज़ (तालाब) तक पानी लाने के लिए रहट का कुआं था और वह आज भी मौजूद है।"
21-05-2022, 17:30