हमास के हमले का इजरायल में मौजूद भारतीय कंपनियों पर क्या असर होगा?
दुनिया की कई विकसित और विकासशील देशों की तरह भारतीय आईटी कंपनियों की मौजूदगी इजरायल में भी है। इजरायल दिनों हमास के साथ जंग लड़ रहा है। ऐसे में भारत की कई आईटी कंपनियों का कारोबार प्रभावित हो सकता है।
Table of Contents (Show / Hide)
![हमास के हमले का इजरायल में मौजूद भारतीय कंपनियों पर क्या असर होगा?](https://cdn.gtn24.com/files/india/posts/2023-10/thumbs/1696940221.webp)
इजरायल में कारोबार शुरू करने वाली पहली कंपनी बनने के बाद टीसीएस वहां कई बड़े प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही है। इन में कई सरकारी प्रोजेक्ट भी शामिल हैं। कंपनी इजरायल में जिन प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही है उनमें से एक निंबस है। इसके तहत इजरायल की मिनिस्ट्री ऑफ इकोनॉमी, प्रधानमंत्री कार्यालय और वॉटर अथॉरिटी ने अपने क्लाउड ट्रांसफॉर्मेशन से जुड़े कार्यों के लिए आईटी कंपनी को चुना है।
भारत की आईटी कंपनियां इजरायल में वहां की कंपनियों के साथ साझेदारी में काम करती हैं। भारतीय कंपनियों ने इजरायल में अपने दफ्तर और कर्मचारियों के साथ रिसर्च सेंटर भी खोल रखे हैं। आइए जानते हैं कौन-कौन सी भारतीय आईटी कंपनियां इजरायल में कारोबार करती हैं और उनपर इजरायल और हमास के बीच जंग का क्या असर पड़ा है?
टीसीएस कंपनी
अप्रैल 2023 तक के आंकड़ों पर गौर करें तो देश की दिग्गज आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज यानी टीसीएस के इजरायल में लगभग 1100 कर्मचारी काम करते हैं। आईटी कंपनी ने इस्राइल में अपना कारोबार वर्ष 2005 में शुरू किया था। यह कंपनी इजरायल में अपना काम शुरू कर मध्य एशियाई देश में कारोबार शुरू करने वाली पहली भारतीय कंपनी बनी थी।
इजरायल में कारोबार शुरू करने वाली पहली कंपनी बनने के बाद टीसीएस वहां कई बड़े प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही है। इन में कई सरकारी प्रोजेक्ट भी शामिल हैं। कंपनी इजरायल में जिन प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही है उनमें से एक निंबस है। इसके तहत इजरायल की मिनिस्ट्री ऑफ इकोनॉमी, प्रधानमंत्री कार्यालय और वॉटर अथॉरिटी ने अपने क्लाउड ट्रांसफॉर्मेशन से जुड़े कार्यों के लिए आईटी कंपनी को चुना है।
टीसीएस ने इस्राइल में जगुआर लैंड रोवर के साथ मिलकर अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए एक ओपन इनोवेशन प्रोग्राम की भी शुरुआत की है। टीसीएस ने ही साल 2020-21 में इजरायल के पहले पूर्णतः डिजिटल बैंक का डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर भी तैयार किया था।
हमास इजरायल युद्ध और विप्रो का भविष्य
इजरायल में काम करने वाली दूसरी बड़ी आईटी कंपनी का नाम है विप्रो। कंपनी ने एक एयरक्राफ्ट का पार्ट बनाने वाली इजरायली कंपनी एचआर गिवोन का 2016 में अधिग्रहण किया है। अधिग्रहण के बाद नई कंपनी का नाम विप्रो गिवोन रखा गया और यह एयरोस्पेस इंडस्ट्री में काम करती है। कंपनी के लिंक्डइन प्रोफाइल के मुताबिक कंपनी इस्राइल के किरयत बियालिक इलाके में स्थित है और इसके 77 कर्मचारी है।
यह भी पढ़े : गाज़ा युद्ध; फिलिस्तीन के समर्थन में यहूदी भी उतरे सड़क पर +वीडियो
इंफोसिस कंपनी
टीसीएस और विप्रो की तरह एक और दिग्गज भारतीय आईटी कंपनी की मौजूदगी इजरायल में है। उस कंपनी का नाम है इंफोसिस। औद्योगिक अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने के लिए इंफोसिस ने इजरायल के चीफ साइंटिस्ट के दफ्तर के साथ एक समझौता (एमओयू) साइन किया है। इंफोसिस की वेबसाइट के मुताबिक इस सरकारी सोझेदारी के अलावे इफोसिस इजरायल में प्रत्यक्ष तौर पर कोई और काम नहीं कर रही है।
एचसीएलटेक कंपनी
आईटी कंपनी एचसीएलटेक की भी इजरायल में सीमित मौजूदगी है। मध्य पूर्व के देश में कंपनी के दो कार्यालय है। ये दफ्तर हर्जलिया और नेतान्या में स्थित हैं और कंपनी के मिडिल इस्ट फुट प्रिंट के हिस्सा हैं। फिलहाल भारत की आईटी कंपनियों पर इजरायल और हमास के बीच चल रहे युद्ध का कोई असर नहीं पड़ा है। जानकार मानते हैं कि आने वाले समय में इस बात पर नजर रखनी होगी कि युद्ध इन कंपनियों के कारोबार पर कितना असर डालेगी।