उम्र बढ़ने के साथ आंखों की रोशनी बेहतर रखने के लिए आंखों की सेहत पर ध्यान देना जरूरी है। तीस की उम्र के बाद आंखों की रोशनी से संबंधित परेशानियां शुरू होने लगती है। इस उम्र से आंखों की ज्यादा देखभाल शुरू कर देनी चाहिए।
हमारे जन्म लेने के साथ ही हमारी आंखे काम करना शुरू कर देती हैं। 30 वर्ष की उम्र तक पहुंचते पहुंचते किसी भी व्यक्ति की आंखें दुनिया को 2 लाख घंटे तक देख चुकी होती हैं।
इनमें नैचुरल चीजें जैसे सन लाइट, पेड़ पौधे से लेकर आर्टिफिशियल चीजें जैसे स्क्रीन से निकलने वाली रोशनी और आर्टिफिशियल लाइट तक शामिल हैं। इन सभी को आंखों पर कुछ न कुछ दबाव पड़ता है जिसके कारण आंखों की सेहत पर असर पड़ता है।
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यूवी लाइट से बचाव
लंबे समय तक सन लाइट में रहने के दौरान आंखों को यूवी लाइट से बचाने के लिए सुरक्षा धूप का चश्मा या यूवी चश्मे का यूज करना चाहिए। यह और अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है।
अगर आप आपकी स्किन हल्के रंग की है, आप अधिक ऊंचाई पर रहते हैं या ऐसा काम करते हैं जिसके कारण आपको लंबे समय तक आऊटडोर रहना पड़ता है। यूवी लाइट से आंखों को नुकसान पहुंचाता है और इससे मोतियाबिंद, आंखों से जुड़ी उम्र से संबंधित बीमारियों रेटिनोपैथी का खतरा बढ़ जाता है।
ढेर सारा पानी पिएं
हमारी आंखों में बड़ी मात्रा में पानी होता है और ये टियर फिल्म से सुरक्षित रहती हैं। टियर फिल्म वॉटर बेस्ड होती है। टियर फिल्म पानी के साथ-साथ इलेक्ट्रोलाइट्स, प्रोटीन और एंजाइम से बनी होती हैं।
लंबे समय तक स्क्रीन के संपर्क और एयरकंडीशनर कमरे में रहने के कारण हमारी आंखें ड्राई हो जाती हैं। ढेर सारा पानी पीने से आपकी आंखों को नम रखने में मदद मिल सकती है। नम आंखें खुश आंखें हैं। वे आपको आंखों का तनाव कम करके अच्छी तरह देखने में मदद करते हैं।
आंखों की एक्सरसाइज करना
आंखों की रोशनी बेहतर रखने के लिए आंखों का एक्सरसाइज करना जरूरी है। इसके लिए दूर क्षितिज पर देखने आऊटडोर एक्टिविटी में भाग लेना जरूरी है। स्टडीज में पाया गया है कि दो घंटे बाहर खेलने और आऊटडोर एक्टिविटी में शामिल होने वाले बच्चों में मायोपिया या पूअर आईसाइट की समस्या होने का खतरा कम रहता है।
पेंसिल पुशअप्स जैसे आंखों के व्यायाम आंखों की मांसपेशियों को मजबूत कर सकते हैं और उम्र बढ़ने के साथ आंखों की रोशनी को खराब होने से बचा सकते हैं।