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लोगों के थूक को साफ़ करेगा भारत के 5951 करोड़ रुपए, पढ़े क्या है कारण

तंबाकू उत्पादों से गंदे हुए स्थानों की सफाई का बोझ करदाताओं को उठाना होगा, ना कि उद्योगों को जिसने यह समस्या पैदा की है। आकड़ों के मुताबिक़ हर साल चीन को करीब 2.6 अरब डॉलर और भारत को करीब 76.6 करोड़ डॉलर खर्च करना होगा।

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