प्रवक्ता स्टीफेन दुजारिक ने कहा, दुनिया में कहीं पर भी यह बेहद जरूरी है कि लोगों को खुलकर अपनी कहने की अनुमति दी जाए। पत्रकारों को मुक्त होकर और किसी भय के बिना अपनी बात कहने की इजाजत होनी चाहिए।
दरअसल, मोहम्मद जुबैर को 2018 के एक मामले में दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उन पर हिंदू देवता के खिलाफ आपत्तिजनक ट्वीट करने का आरोप है।
पत्रकारों को मिले बात कहने की इजाजत
जुबैर की गिरफ्तारी संबंधी एक सवाल पर पाकिस्तानी पत्रकार को जवाब देते हुए प्रवक्ता स्टीफेन दुजारिक ने कहा, दुनिया में कहीं पर भी यह बेहद जरूरी है कि लोगों को खुलकर अपनी कहने की अनुमति दी जाए। पत्रकारों को मुक्त होकर और किसी भय के बिना अपनी बात कहने की इजाजत होनी चाहिए। उन्होंने कहा, पत्रकार जो कुछ भी कहते हैं, लिखते हैं या ट्वीट करते हैं इसके लिए उन्हें जेल नहीं भेजा जाना चाहिए। यह दुनिया में हर जगह लागू होता है।
प्रेस की स्वतंत्रता का स्तर नीचे गिरा
वाशिंगटन में सीपीजे के एशिया कार्यक्रम समन्वयक स्टीवन बटलर ने कहा, पत्रकार मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी से भारत में प्रेस की स्वतंत्रता का स्तर और नीचे चला गया है। सरकार ने सांप्रदायिक मुद्दों से जुड़ी खबरें प्रकाशित करने वाले प्रेस के सदस्यों के लिए एक असुरक्षित शत्रुतापूर्ण माहौल बना दिया है। उन्होंने कहा, अधिकारियों को तत्काल और बिना किसी शर्त के जुबैर को रिहा करना चाहिए और उन्हें बिना किसी दखलंदाजी के अपनी पत्रकारिता करने देना चाहिए।
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