अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों की रिपोर्ट के मुताबिक वर्तमान समय में आले-ख़लीफ़ा शासन की जेलों में कम से कम 100 बच्चे क़ैद हैं जिन्हें 2011 में सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बाद गिरफ्तार किया गया था।
उनकी गिरफ्तारी के समय, कोई भी बच्चा अपनी क़ानूनी उम्र तक नहीं पहुंचा था और उन्हें कानूनी तौर पर नाबालिग माना गया था। उनमें से कुछ को गंभीर दंड और शारीरिक शोषण का भी सामना है।
बहरीन के अल लुलु टीवी के मुताबिक, बहरैन की आले-ख़लीफ़ा सरकार की तथाकथित अदालतों ने आरोपियों की अनुपस्थिति में 7 लोगों को उम्रक़ैद, 9 को दस साल की जेल, दो युवकों को पांच साल की जेल और तीन बच्चों को तीन साल की जेल की सज़ा सुनाई है।