दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर पहुँचने से पहले ऑस्ट्रेलियाई इंजीनियर जेसन केनिसन ने वीडियो कॉल पर अपनी माँ को बताया कि वो नीचे उतरने के बाद उनसे बात करेंगे।लकेनिसन एवरेस्ट पर चढ़ाई करके अपने जीवन का सबसे बड़ा सपना पूरा कर रहे थे। लेकिन वो वीडियो कॉल आख़िरी संपर्क साबित हुआ. उसके बाद गिल केनिसन अपने पुत्र से दोबारा बात नहीं कर पाईं।
40 साल के जेसन नीचे उतरे और वो बीमार हो गए। बाद में उनकी मौत हो गई। केनिसन उन 12 लोगों में शामिल हैं जो इन गर्मियों से पहले एवरेस्ट पर चढ़ने या उतरने के दौरान मारे गए हैं। ये हाल के वर्षों में मरने वालों की सबसे अधिक संख्या है।
उस वर्ष एक वायरल तस्वीर ने दिखाया था कि एवरेस्ट पर चढ़ने वालों का तांता लगा हुआ है। इस साल तीन शेरपा बर्फ़ गिरने की वजह से मारे गए हैं. केनिसन जैसे कुछ लोग उतरने के बाद बीमार हुए और फिर उनकी मौत हो गई। इस वर्ष मौतों की संख्या ने एक बार एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए जारी किए जाने वाले परमिट की ओर ध्यान खींचा है।
एवरेस्ट पर ट्रैफ़िक जैम
नेपाल के लोग इन मौतों के पीछे इस वर्ष रिकॉर्ड संख्या में परमिट दिए जाने को ज़िम्मेदार बता रहे हैं। इतने सारे परमिट देने की वजह शायद ये है कि कोविड महामारी के कारण एवरेस्ट पर चढ़ाई रुकी हुई थी।
अमेरिका की मेडिसन माउंटेनीरयरिंग कंपनी के गैरेट मेडिसन ने रॉयटर्स को बताया है कि इतनी अधिक संख्या में पर्वतारोहियों का एवरेस्ट पर चढ़ना सारे सिस्टम को ट्रैफ़िक जैम की स्थिति में धकेल देता है।
एवरेस्ट पर चढ़ाई करने वालों की कतार इसलिए बढ़ जाती है क्योंकि सभी को चढ़ाई करने के लिए उपयुक्त मौसम का इंतज़ार रहता है। इसके अलावा नौसिखिए और कम अनुभव वाले पर्वतारोहियों के कारण भी क़तार लंबी हो जाती है।