सऊदी अरब के एक सक्रिय कार्यकर्ता का कहना है कि उनके देश की सरकार उन लोगों की शोकसभा मनाने की अनुमति नहीं दे रहा है जिनके परिजनों को फांसी दी गई।
सऊदी अरब के गृहमंत्रालय ने मानवाधिकारों के हनन का आरोप लगाते हुए शनिवार को 81 लोगों को फांसी दे दी थी। शनिवार को जिन 81 लोगों को फांसी दी गई उनमे से 41 का संबन्ध सऊदी अरब के क़तीफ़ क्षेत्र से है जो शिया बाहुल्य इलाक़ा है। क़तीफ़ में रहने वालों को अपने परिजनों की शोकसभा की अनुमति नहीं दी गई।
सऊदी शासन के एक विरोधी कार्यकर्ता ने बताया है कि 81 लोगों को फांसी देने के बारे में सऊदी अरब की सरकार ने जो तर्क पेश किये हैं उनपर भरोसा नहीं किया जा सकता।उन्होंने कहा कि वे सब निराधार और झूठे आरोप हैं। सऊदी अरब के गृहमंत्रालय के दावे के अनुसार जिन लोगों को फांसी दी गई वे शैतान के अनुयाई, गुमराह, विदेशों से संबंध रखने वाले और आतंकवादी कार्यवाहियों में लिप्त थे।
उल्लेखनीय है कि 12 मार्च को सऊदी अरब में 81 लोगों को एक साथ मौत की सज़ा दी गई है। जिस लोगों को फांसी के फंदे पर लटकाया गया उनमें 41 शिया मुसलमान भी शामिल हैं। ज्ञात रहे कि इससे पहले जनवरी 2016 में सऊदी अरब के वरिष्ठ शिया धर्मगुरु आयतुल्लाह शेख़ बाक़िर निम्र को अन्य 47 बंदियों के साथ मौत की सज़ा दी गई थी।