ज़िम्बाब्वे के धार्मिक नेता ने कटाक्ष करते हुए कहा है कि ज़ायोनी रब्बी के साथ बैठकर मुस्कराने की यूएई के मुफ़्ती की तस्वीर अल-अक़्सा मस्जिद में ज़ायोनियों के हमलों की ख़बर के साथ जुड़ गई है।
दर असल, 10 अप्रैल को इस्माईल इब्ने मूसा मेंक कि जिन्हें मुफ़्ती मेंक के नाम से भी जाना जाता है, दुबई के मैदान होटल में एक इफ़्तार पार्टी में शरीक हुए थे।
मुफ़्ती मेंक जिस मेज़ पर बैठे हुए थे, उस पर कई अलग-अलग धर्मों के मानने वाले भी थे, लेकिन उनकी बग़ल में जो रब्बी बैठे थे, वह कोई सामान्य रब्बी नहीं थे, बल्कि इस्राईल और यूएई के बीच संबंधों को सामान्य बनाने और उन्हें मज़बूत बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले लिवाई डचमैन थे।
अमीरात न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक़, इस इफ़्तार पार्टी का आयोजन देश के इस्लामी मामलों के विभाग ने किया था।
सोशल मीडिया पर व्यापक आलोचना के दौरान, मुफ़्ती मेंक ने इन आलोचनाओं को ख़ारिज करते हुए कहा है कि उनका इस इफ़्तार पार्टी से कोई लेना-देना नहीं था और वे इससे पहले तक ज़ायोनी रब्बी को जानते तक नहीं थे। इसी के साथ उन्होंने मीडिया पर इस घटना की ग़लत तस्वीर पेश करने का आरोप लगाया।