आज राजधानी दिल्ली में जामिया मिल्लिया विस्वविद्यालय के गेट नंबर 7 पर बड़ी संख्या में विद्यार्थी जमा हुआ और उन्होंने नुपुर शर्मा पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाते हुए उनकी गिरफ्तारी की मांग की।
पैगंबर मुहम्मद के विरुद्द टिप्पणी का विरोध कर रहे छात्रों ने भाजपा और नुपुर श्रमा के विरुद्ध नारेबाज़ी की। प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने अपने हाथों में तख्तियां ले रखी थी जिस पर लिखा था ईशनिंदा आरएसएस की मूल भाषा है, भारत को इससे बचाओं, नुपुर शर्मा को गिरफ्तार करो, मुसलमानों पर हमले बंद करो।
विश्वविद्यालय के कैम्पस फ्रंट ऑफ इंडिया के सदस्य ने कहा, ‘‘नुपुर शर्मा ने मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं को आहत किया है। सरकार को उनके विरुद्ध सख्त कार्यवाही करनी चाहिए। उन्होंने गिरफ्तार करके जेल की सलाखों के पीछे डालना चाहिए।’’
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पैगम्बर के अपमान पर भारत के देश के साथ साथ विदेश में भी बड़ी किरकिरी हो रही है। ओआईसी के साथ साथ बहुस से मुसलमान देशों ने भारत में मुसलमानों के विरुद्ध बढ़ रही असहष्णुता पर चिंता व्यक्त करते हुए नुपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मुहम्मद के विरुद्ध विवादास्पद टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। अरब देश कतर ने तो भारत सरकार से मांफ़ी मांगने तक की मांग की है। ईरान और कुवैत जैसे देशों ने भारतीय उच्चायुक्त को तलब करके अपना विरोध प्रकट किया।
सऊदी अरब, यूएई, अफगानिस्तान, पाकिस्तान आदि ने भारत सरकार से नुपुर शर्मा के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की मांग की।
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विदेश से निंदा से पहले भारतीय मुसलमानों ने इस पर विरोध प्रकट किया था, जिसपर उत्तर प्रदेश के कानपुर में हिंसा भी हुई थी, लेकिन जब तक विदेशों से आलोचना शुरू नहीं हुई मोदी सरकार ने नुपुर शर्मा के विरुद्ध कोई ऐक्शन नहीं लिया।
अरब देशो की तरफ़ से कड़ी आलोचना के बाद बीजेपी सरकार बैकफुट पर आई और उसने नुपुर शर्मा को पार्टी से निलंबित करते हुए उन्हें फ्रिंज एलिमेंट बताया।