क़तर के लुसैल स्टेडियम में रविवार को जो कहानी लिखी गई, वो किसी 'परी कथा' जैसी मालूम होती है। लेकिन सिर्फ़ मेसी के लिए नहीं दिल में कोई मुराद लिए इस कहानी के प्लॉट में दाख़िल हुए हर किरदार के हिस्से कामयाबी, शोहरत और ख़ुशियां आईं। किसी के हिस्से थोड़ी ज़्यादा तो किसी के हिस्से थोड़ी कम।
लेकिन झोली शायद ही किसी की खाली रही। इनमें टीमों के समर्थक और फ़ाइनल खेल रही अर्जेंटीना और फ़्रांस की टीमों से तटस्थ फ़ुटबॉल का मज़ा लेने वाले फ़ैन्स भी शामिल हैं।
'थम गई थीं सांसें'
मेसी तो ख़ैर मैदान पर थे, जो बाहर बैठकर या टीवी सेट पर मैच देख रहे थे, इस मैच को लेकर उनकी राय भी कोई अलग नहीं थी।
इंग्लैंड के पूर्व खिलाड़ी एलन शियरर ने कहा, "हमारी सांसें थम गई हैं। ये एक अविश्वसनीय फ़ाइनल था। मैंने पहले कभी ऐसा मैच नहीं देखा। मुझे नहीं लगता कि मैं आगे भी कभी ऐसा देख पाऊंगा। ये हैरान करने वाला मैच था। "
मज़ा देखिए,
ये उस फ़ाइनल की बात हो रही है जहां मुक़ाबला शुरू होने के बाद 70
मिनट के लगभग तक मैच इतना एकतरफ़ा था कि सोशल मीडिया पर कई यूज़र इसके '
स्क्रिप्टेड'
यानी नतीजा पहले से तय होने का आरोप तक लगाने लगे।
तब तक सब कुछ लियोनेल मेसी और अर्जेंटीना टीम के हक़ में जा रहा था। मानो नियति ने तय कर लिया हो कि वो आधुनिक दौर के 'सबसे बड़े' फ़ुटबॉल खिलाड़ी को क़तर से खाली हाथ नहीं भेजेगी।
तब तक फ़्रांस की टीम अर्जेंटीना के सामने दोयम दिख रही थी। वो आई तो थी लगातार दो वर्ल्ड कप जीतकर ब्राज़ील के 60
साल पुराने रिकॉर्ड की बराबरी करने,
लेकिन बिना जान लड़ाए ही '
सल्तनत'
गंवाने जा रही थी।
जीत यूं मिलती तो भी मेसी, अर्जेंटीना और उनके समर्थकों का सातवें आसमान पर पहुंचना तय था, लेकिन वो नतीजा क़तर वर्ल्ड के फ़ाइनल की कहानी को 'अमरता' नहीं दिला पाता।
जीत पर फ़ैन्स झूम तो लेते,
लेकिन उन्हें तेज़ी से धड़कता अपना दिल सीने उछलकर बाहर आता मालूम नहीं होता। वो अपने साथ मैच देखने वालों से ये कहते हुए शर्त नहीं लगा पाते, '
बोलो कौन जीतेगा?'
या ' (
किलियन) एमबापे,
मेसी पर भारी न पड़ जाए!'
तब फ़्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों 'प्रोटोकॉल' की सीमाओं के परे किसी किशोर उम्र फ़ैन जैसे मुट्ठियां और दांत भींचे और आंखें निकाले नहीं दिखते।
सबसे दिलचस्प फ़ाइनल
लेकिन, इस कहानी में ये सब होना था। 80 वें मिनट में पहला, दो मिनट के भीतर और एक्स्ट्रा टाइम में तीसरा गोल दाग़कर फ़ाइनल में हैट्रिक जमाने वाले एमबापे के करिश्माई खेल से फ़्रांस का रुतबा और मैच का रोमांच चरम पर पहुंचना था।
और, इसने एक सीधी-सादी लगभग 'बोरिंग' सी लगने लगी कहानी में एक के बाद एक ऐसे मसाले भरने शुरू कर दिए जिनकी कल्पना कॉमर्शियल फ़िल्मों में ऑन डिमांड कहानी लिखने वाले भी न कर सकें।
इंग्लैंड के पूर्व खिलाड़ी रियो फ़र्डिनेंड ने कहा, "
जो कुछ हुआ मैं उसकी कल्पना नहीं कर सकता था।"
हालांकि, ऐसा नहीं है कि खिलाड़ियों और फ़ैन्स ने मैच को लेकर कल्पनाएं न की हों।
फ़ुटबॉल वर्ल्ड कप 2022 का फ़ाइनल मुक़ाबला शुरू होने के पहले ही स्टेडियम में मौजूद और दुनिया के कोने-कोने में टीवी सेट पर आंखें लगाए फ़ैन्स तय कर चुके थे कि वो किस टीम का समर्थन करने वाले हैं।
सोर्स बीबीसी