भारत में खिलाड़ियों की नाराज़गी का मुद्दा थोड़े थोड़े अंतराल से मीडिया में उठ रहा है और लगता है कि उनकी नाराज़गी दूर नहीं हो पा रही है।
कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह को हटाए जाने के लिए आंदोलन करने वाले पहलवानों को शिकायत है कि उनकी मांग पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। कुश्ती महासंघ के नए अध्यक्ष के रूप में संजय सिंह को चुना गया है जो बृज भूषण सिंह के क़रीबी बताए जाते हैं।
अंतरराष्ट्रीय कुश्ती खिलाड़ी बजरंग पुनिया ने पद्मश्री पुरस्कार लौटाने का एलान किया जो उन्हें साल 2019 में मिला था।
ओलंपिक, एशियन और कॉमनवेल्थ गेम्स के मेडलिस्ट पुनिया ने अपने एक्स अकाउंट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक ख़त पोस्ट किया है और साथ में पुरस्कार लौटाने की बात कही है। उन्होंने लिखा कि मैं अपना पद्मश्री पुरस्कार प्रधानमंत्री जी को वापस लौटा रहा हूँ, कहने के लिए बस मेरा यह पत्र है, यही मेरी स्टेटमेंट है।
दूसरी ओर महिला पहलवान साक्षी मलिक ने कुश्ती से संन्यास लेने का एलान किया था। उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस करके अपने जूते टेबल पर छोड़ दिए थे।
उन्होंने यह क़दम भारतीय कुश्ती महासंघ के चुनावों के नतीजे आने के बाद उठाया था, इन चुनावों में संजय सिंह को कुश्ती महासंघ का अध्यक्ष चुना गया है।
साक्षी मलिक, विनेश फोगाट समेत कई महिला पहलवानों ने बृज भूषण शरण सिंह पर गंभीर आरोप लगाए थे। इन पहलवानों ने सिंह की गिरफ़्तारी की मांग करते हुए जंतर-मंतर पर धरना दिया था, इसमें बजरंग पुनिया समेत कई पहलवान और खिलाड़ी शामिल हुए थे।
प्रधानमंत्री को संबोधित किए ख़त में बजरंग पुनिया ने भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह पर महिला पहलवानों की ओर से लगाए गए आरोपों, इस संबंध में किए गए आंदोलन, उनके प्रदर्शन स्थल पर पुलिस की ओर से की गई कार्रवाई और अब हाल ही में हुए महासंघ के चुनावों का ज़िक्र किया है.