भारत के महाराष्ट्र राज्य में राजनैतिक संकट के चरम पर पहुंच जाने के बाद मुख्य मंत्री उद्धव ठाकरे ने अपने पद से इस्तेफ़ा दे दिया।
उद्धव ठाकरे ने ढाई साल के कार्यकाल में सरकार की उपलब्धियों को गिनवाने के बाद कहा कि मैं कुर्सी छोड़ रहा हूं, पिछले बुधवार को ही मैंने वर्षा छोड़ दिया था और मातोश्री आ गया था, मुझे मुख्यमंत्री पद छोड़ने का कोई दुख नहीं है। जब कुछ अच्छा हो रहा होता है तो नज़र तो लगती ही है।
उद्धव ने बाग़ी विधायकों पर तंज़ करते हुए कहा कि जिन लोगों को बाला साहब ठाकरे ने बड़ा बनाया, जिन सामान्य लोगों को बाला साहेब ठाकरे और शिवसेना ने बड़ा बनाया, वे आज उन्हें भूल गए हैं। बाग़ी विधायकों को अगर कोई शिकायत थी तो सूरत या गुवाहाटी के बजाय मातोश्री आकर अपनी बात रखनी चाहिए थी।
पूर्व मुख्यमंत्री ने शक्ति परीक्षण पर रोक की याचिका सुप्रीम कोर्ट में ख़ारिज होने के बारे में कहा कि जो भी फ़ैसला दिया है, हम उसका सम्मान करते हैं और उसका पालन करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्य कांत और जेबी पार्डीवाला की अवकाश पीठ ने शिवसेना नेता सुनील प्रभू की याचिका पर सुनवाई के बाद ये फ़ैसला दिया। महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने बुधवार को आदेश जारी कर 30 जून की सुबह 11 बजे विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया था।
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