गौहर चिश्ती देश विरोधी गतिविधियों में भी शामिल रहा है। करीब ढाई साल पहले सीआरपीएफ कैंप का वीडियो बनाने पर पुलिस ने उसे हिरासत में लिया था, लेकिन चेतावनी देते हुए छोड़ दिया था।
कई दिनों से उसकी तलाश की जा रही थी। बता दें कि गौहर चिश्ती अजमेर दरगाह का खादिम है। 17 जून को उसने दरगाह के बाहर भड़काऊ और सिर कलम करने जैसे कई नारे लगाए थे।
गौहर चिश्ती कन्हैयालाल हत्याकांड की जांच कर रही एनआईए टीम के भी रडार पर था। 17 जून को भड़काऊ नारेबाजी के बाद खादिम गौहर चिश्ती उदयपुर भी गया था। ऐसे में उसके तार कन्हैया हत्याकांड से भी जुड़ रहे हैं।
गौहर चिश्ती देश विरोधी गतिविधियों में भी शामिल रहा है। करीब ढाई साल पहले सीआरपीएफ कैंप का वीडियो बनाने पर पुलिस ने उसे हिरासत में लिया था, लेकिन चेतावनी देते हुए छोड़ दिया था। इस दौरान उसके पास से मोबाइल और 4 सिम भी जब्त की गईं थी।
28 जून को गला काटकर की गई थी कन्हैया की हत्या
इन दिन उदयपुर में कन्हैयालाल की हत्या कर दी गई थी। वह धानमंडी इलाके के भूत महल क्षेत्र में रहते थे और पेशे से दर्जी थे। दो मुस्लिम युवक कपड़े का नाप देने के बहाने उनकी दुकान पर पहुंचे और धारदार हथियार से कन्हैया पर वार करना शुरू कर दिया। ताबड़तोड़ हमलों ने कन्हैया को संभलने का मौका तक नहीं दिया। उसकी गर्दन कट गई और मौके पर ही मौत हो गई। हमले में दुकान पर काम करने वाला उसका साथी ईश्वर सिंह भी गंभीर रूप से घायल हो गया था।
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