पिछले साल प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद अपनी पहली दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर भारत पहुंची मेलोनी ने यह भी घोषणा की है कि इटली हिंद-प्रशांत महासागर पहल में शामिल हो रहा है क्योंकि दोनों देश द्विपक्षीय संबंधों की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं।
इटली की प्रधानमंत्री के साथ व्यापक बातचीत के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए भारत के प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में सह-उत्पादन और सह-विकास के क्षेत्र में नए अवसर खुल रहे हैं, जो दोनों देशों के लिए फायदेमंद हो सकते हैं। उन्होंने इतालवी रक्षा कंपनियों को ‘‘मेक इन इंडिया’’ पहल में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए आमंत्रित भी किया।
भारतीय प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और इटली ने नियमित आधार पर दोनों देशों के सशस्त्र बलों के बीच संयुक्त अभ्यास और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने का भी फैसला किया है।
मोदी ने कहा कि भारत और इटली आतंकवाद और अलगाववाद जैसे मुद्दों पर कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं।
दोनों पक्षों ने अनियमित आव्रजन और मानव तस्करी का मुकाबला करने के लिए काम करने पर भी सहमति व्यक्त की। भारतीय प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने इस सहयोग को और मजबूत करने पर व्यापक चर्चा की।
मोदी और मेलोनी ने भारत और इटली के बीच ‘स्टार्ट-अप ब्रिज’ स्थापित करने की भी घोषणा की। मोदी ने कहा कि हमने अक्षय ऊर्जा, हरित हाइड्रोजन, सूचना और प्रौद्योगिकी, सेमीकंडक्टर, दूरसंचार, अंतरिक्ष जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर विशेष जोर दिया।
उन्होंने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में इटली की सक्रिय भागीदारी का भी स्वागत किया।
उन्होंने कहा कि यह बहुत खुशी की बात है कि इटली ने हिंद-प्रशांत महासागर पहल में शामिल होने का फैसला किया है। इससे हम हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपने सहयोग को बढ़ाने के लिए ठोस विषयों की पहचान कर सकेंगे।
ज्ञात रहे कि वर्ष2012 में दक्षिण भारतीय तट के पास निहत्थे मछुआरों की कथित तौर पर हत्या के लिए दो इतालवी नौसैनिकों को जेल भेजने के नई दिल्ली के कदम और वीवीआईपी के लिए अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर खरीदने के विवादास्पद सौदे के बाद इटली और भारत के बीच संबंधों में खटास आ गई थी।