रूस पर G-7 के लगाए नए प्रतिबंध, जानिए अब तक कितनी प्रभावी रही हैं ये बंदिशें?
रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा है। 24 फरवरी 2022 से शुरू इस युद्ध के बाद उकसावे की कार्रवाइयों का आरोप लगाते हुए रूस पर कई देश प्रतिबंध लगा चुके हैं।
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जापान में हुई जी-7 समूह की बैठक में इसके नेताओं ने रूस पर नए प्रतिबंधों की घोषणा की। अमेरिका समेत सात देशों के रूस विरोधी वैश्विक प्रतिबंधों में सैकड़ों लोगों और फर्मों को निशाना बनाया गया है।
इसी कड़ी में अमेरिका, कनाडा और ब्रिटेन समेत सात देशों ने यूक्रेन पर आक्रमण को लेकर रूस पर नए प्रतिबंध जारी किए। इस कार्रवाई की घोषणा जापान में आयोजित जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान की गई।
रूस के खिलाफ नई कार्रवाई क्या है? नए प्रतिबंध किन देशों ने लगाए हैं और इनमें क्या है? प्रतिबंध अब तक कितने प्रभावी रहे हैं? प्रतिबंधों का उद्देश्य क्या है? आइए जानते हैं।
अमेरिका समेत सात देशों के रूस विरोधी वैश्विक प्रतिबंधों में सैकड़ों लोगों और फर्मों को निशाना बनाया गया है। इनमें रूस को मौजूदा प्रतिबंधों और निर्यात नियंत्रणों से बचने में मदद करना शामिल है। कुछ प्रतिबंध रूस के अर्थव्यवस्था के अतिरिक्त क्षेत्रों जैसे वास्तुकला, निर्माण और परिवहन पर केंद्रित हैं। युद्ध के 15 महीनों के बाद लगाए जा रहे नए वित्तीय दंडों से रूस के लिए अंतर्राष्ट्रीय निधियों तक पहुंच अवरुद्ध या स्थिर हो जाएगी। इसके अलावा इन्हें जब्त भी किया जा सकता है।
नए प्रतिबंध किन देशों ने लगाए हैं और इनमें क्या है?
ब्रिटेन ने रूसी हीरे, तांबा, एल्यूमीनियम और निकल के आयात पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की। साथ ही इसने यूक्रेन के अनाज की चोरी और पुनर्विक्रय से जुड़े पक्षों सहित 86 लोगों और कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए। प्रतिबंधों का निशाना रूसी सरकार के स्वामित्व वाली परमाणु ऊर्जा कंपनी रोसाटॉम से जुड़ी कंपनियों और रूसी कॉपर कंपनी के मालिक इगोर अल्तुश्किन को भी बनाया गया है।
अमेरिका ने 20 देशों में व्यक्तियों और संगठनों पर प्रहार किया। इसने क्रेमलिन को प्रौद्योगिकी की खरीद के लिए मौजूदा प्रतिबंधों से बचने में मदद करने वाले लोगों और फर्मों पर दंड लगाया है। वाणिज्य विभाग की सूची में 71 फर्मों और विदेश विभाग की सूची में 200 लोगों, फर्मों और जहाजों को रखा गया है।
इसके अतिरिक्त, रूसी सेंट्रल बैंक की संपत्तियों में निवेश करने वाले लोगों और फर्मों के लिए नए अमेरिकी नियम जारी किए गए हैं। ट्रेजरी विभाग ने कहा, इसका उद्देश्य रूसी संपत्तियों की पूरी तरह से मैपिंग करना है जो जी7 न्यायालयों में तब तक रहेगा जब तक रूस यूक्रेन को हुए नुकसान के लिए भुगतान नहीं करता है।
कनाडा ने रूसी कंपनियों से जुड़े 17 व्यक्तियों और 18 संस्थाओं पर प्रतिबंधों की घोषणा की। कनाडा का आरोप है कि इन व्यक्तियों और संस्थाओं ने रूसी सेना, सूचीबद्ध व्यक्तियों के परिजनों और क्रेमलिन अधिकारियों को सैन्य तकनीक और जानकारी प्रदान की है। इसके अलावा रूस में यूक्रेनी बच्चों के हिरासत सहित रूस के चल रहे मानवाधिकारों के कथित उल्लंघन में शामिल 30 व्यक्तियों और आठ संस्थाओं पर दंड लगाए गए हैं।
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प्रतिबंध अब तक कितने प्रभावी रहे हैं?
कुछ विदेश मामलों के जानकारों ने वित्तीय दंड की प्रभावशीलता पर सवाल उठाया है। सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज से जुड़ी मारिया स्नेगोवाया ने कहा कि रूस ने पश्चिमी प्रतिबंधों के प्रति उल्लेखनीय अनुकूलन क्षमता का प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा कि रूस कम से कम अगले कुछ वर्षों में इन प्रतिबंधों को आसानी से संभाल सकता है। स्नेगोवाया ने इन दंडों को कमजोर और अपर्याप्त करार दिया है।
वहीं, अमेरिकी अधिकारियों ने प्रतिबंधों की प्रभावशीलता का बचाव किया है और तर्क दिया कि उन्हें तुरंत काम करने के लिए नहीं बनाया गया है। ट्रेजरी विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जैसे ही प्रतिबंध लगाए जाते हैं, रूसी खुफिया उनसे बचने के तरीकों की तलाश करता रहता है, जिसके लिए निरंतर नियंत्रण की आवश्यकता होती है।
इसके साथ ही ट्रेजरी अधिकारियों का कहना है कि भविष्य के लक्ष्यों में नई पहचान की गई फर्म और आपूर्ति श्रृंखला से जुड़े लोग शामिल हो सकते हैं जो रूस को युद्ध के लिए सामग्री हासिल करने में मदद करते हैं।
प्रतिबंधों का उद्देश्य क्या है?
एक अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि जी-7 के अन्य देश भी रूस को अलग-थलग करने तथा यूक्रेन पर हमला करने की उनकी क्षमताओं को कमजोर करने के लिए इस प्रकार के कदम उठाए जा रहे हैं। शिखर सम्मेलन में जी-7 के गैर-सदस्य अतिथि देशों के नेताओं को भी यह समझाने की कोशिश की गई कि प्रतिबंधों को लागू करना इतना महत्वपूर्ण क्यों है।