ये छात्र पढ़ाई करने के लिए कनाडा गए थे। इनमें से अधिकतर मामले 2016-17 के हैं। इन छात्रों पर अब डिपोर्टेशन का ख़तरा मंडरा रहा है।
कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि उनका उद्देश्य अपराधियों की पहचान करना है, पीड़ितों को सज़ा देना नहीं। कनाडा से डिपोर्ट होने के डर से जूझ रहे सैकड़ों भारतीय छात्रों के लिए कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो का बयान एक उम्मीद लेकर आया है।
प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा, "हमारा उद्देश्य अपराधियों की पहचान करना है, न कि पीड़ितों को दंडित करना। ट्रूडो देश की संसद में एनडीपी नेता जगमीत सिंह के पूछे एक सवाल का जवाब दे रहे थे।
बता दें कि पढ़ाई पूरी कर चुके सैकड़ों भारतीय छात्रों पर कनाडा आने के लिए फ़र्जी दस्तावेज़ों का इस्तेमाल करने का आरोप है, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें कनाडा में स्थायी निवास नहीं दिया जा सकता है। छात्रों ने अपनी पढ़ाई पूरी कर ली है, उन्हें डिपोर्ट किया जा सकता है। ये छात्र कनाडा के रोड एजेंटों के धोखे और अपने भविष्य को लेकर विरोध भी कर रहे हैं।
कनाडा की संसद में भारतीय छात्रों के मुद्दे
सरकार में सहयोगी दल एनडीपी के नेता जगमीत सिंह ने सवाल किया कि क्या प्रधानमंत्री आव्रजन धोखाधड़ी के शिकार भारतीय छात्रों को स्थायी नागरिकता देने पर विचार करेंगे? इस सवाल के जवाब में जस्टिन ट्रूडो ने कहा, “हर मामले का मूल्यांकन किया जाएगा और पीड़ितों को अपना पक्ष रखने का मौक़ा दिया जाएगा।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उनका मकसद धोखाधड़ी के शिकार लोगों को सज़ा देना नहीं बल्कि दोषियों की पहचान करना है। ट्रूडो के इस बयान के बाद प्रभावित छात्रों को कुछ राहत मिलने की उम्मीद है।
इससे पहले कनाडा की कंजर्वेटिव पार्टी के सांसद ब्रैड रेडेकोप ने भी कहा था कि देश में इमिग्रेशन कमेटी से अंतरराष्ट्रीय छात्र प्रस्ताव पारित किया गया है।
उन्होंने इसकी जानकारी देते हुए एक वीडियो जारी किया था और कहा था कि इस प्रस्ताव के पारित होने से कनाडा में पढ़ाई करने आए छात्रों को राहत मिलेगी और देश की नागरिकता लेने वालों को भी आसानी होगी।