प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22-24 अगस्त को जोहानिसबर्ग में होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए दक्षिण अफ़्रीका जाएंगे। इससे पहले कयास लगाए जा रहे थे कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के जोहानिसबर्ग ना जाने के फ़ैसले के बाद पीएम मोदी भी इस बैठक में वर्चुअली शामिल होंगे।
विदेश मंत्रालय ने बताया है कि "प्रधानमंत्री ने निमंत्रण स्वीकार कर लिया. वह शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए जोहानिसबर्ग की यात्रा के लिए उत्सुक हैं।" भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी गुरुवार को ट्वीट कर कहा कि उनकी बात दक्षिण अफ़्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा से हुई है और इस बातचीत में दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की पीएम मोदी ने कहा कि वह इस महीने ब्रिक्स समिट में शामिल होने जोहानिसबर्ग जाने के लिए उत्साहित हैं।
रूस ने कहा है कि पुतिन शिखर सम्मेलन में वर्चुअली शामिल होंगे जबकि विदेश मंत्री सर्गेई लावरोफ़ जोहानिसबर्ग में एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। चीन से असहज संबंधों के कारण भी पीएम मोदी के शामिल नहीं होने की अटकलें तेज़ थीं. अगले महीने सितंबर में ही नई दिल्ली में जी-20 समिट होना है।
जी-20 में ब्रिक्स के सभी देश हैं। ऐसे में भारत यह नहीं चाहेगा कि उसकी अध्यक्षता में जी20 देशों में से कोई भी देश नई दिल्ली समिट में ग़ैर-मौजूद रहे। जी-20 समिट में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आने को लेकर कई तरह की अटकलें हैं।
रूस ने कहा है कि राष्ट्रपति पुतिन के नई दिल्ली जी20 समिट में शामिल होने के लेकर अभी कोई फ़ैसला नहीं हुआ है। शी जिनपिंग को लेकर भी अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है। ऐसे में भारत को लगता है कि वह ब्रिक्स की उपेक्षा कर जी20 को सफल नहीं बना सकता है।