सऊदी अरब की नाकाम परियोजनाएं, बिन सलमान के खोखले वादों की पड़ताल
सऊदी अरब की नाकाम परियोजनाएं बिन सलमान द्वारा देश की जनता से किए खोखले वादों का एक दर्पण हैं, हालांकि देश का मीडिया उसी का गुड़गान करते हुए सऊदी लोगों को भ्रम बेचना जारी रखे है।
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सऊदी अरब की नाकाम परियोजनाएं बिन सलमान द्वारा देश की जनता से किए खोखले वादों का एक दर्पण हैं, हालांकि देश का मीडिया उसी का गुड़गान करते हुए सऊदी लोगों को भ्रम बेचना जारी रखे है।
सऊदी अरब में दर्जनों अधूरी परियोजनाओं के बारे में जानकारी, जिन्हें सऊदी क्राउन प्रिंस "मोहम्मद बिन सलमान" ने बहुत प्रचार के साथ खोलने या पूरा करने का वादा किया था, से पता चलता है कि भारी बजट खर्च करने के बावजूद उनमें से कई अभी भी रुके हुए और आधे-अधूरे हैं।
इस मुद्दे को सऊदी अरब की मीडिया ने "सऊदी लोगों को भ्रम बेचना" के रूप में संदर्भित किया है। "सऊदी लोगों को भ्रम बेचने" के लिए, बिन सलमान विभिन्न तरीकों से दर्जनों अधूरी परियोजनाओं के बारे में व्यापक मीडिया प्रचार करते रहते हैं, लेकिन वास्तविकता कुछ और है। और बहुत सी परियोजनाएं पूरी नहीं हो सकी हैं।
इन परियोजनाओं की पड़ताल से पता चलता है कि उनमें से कुछ ठंडे बस्ते में चली गई हैं तो कुछ आधी अधूरी रुकी हुई हैं, और कुछ परियोजनाएं ऐसी हैं जिनकी जनता को कोई लाभ नहीं मिला है लेकिन उनको भारी बजट आवंटित किया गया है।
डेमोक्रेटिक देशों में किसी परियोजना के रुकने या पूरा होने में देरी पर कारणों का स्पष्ट जवाब देना जरूरी होता है और उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई की जाती है। लेकिन सऊदी अरब में बिन सलमान के झूठे वादों का शर्मनाक रूप से ढिंडोरा पीटना जारी है और परियोजनाओं की विफलता के बारे में जवाब का कोई अता पता नहीं है।
कई परियोजनाओं की पूरी होने की निर्धारित तिथि को कई साल बीत जाने के बाद भी अब तक कई का तो शिलान्यास भी नहीं हुआ है! इन्हीं परियोजनाओं में से एक "अमाला" परियोजना है, जिसके पहले चरण को 2018 में परिचालन में लाया जाना था, लेकिन यह वादा पूरा न होने पर एक बार फिर इसका उद्घाटन 2024 तक के लिए टाल दिया गया।
सऊदी अरब की नाकाम परियोजनाएं लोगों को भ्रम बेचता मीडिया
किंग सलमान एनर्जी सिटी (स्पार्क) परियोजना के बारे में भी लातादाद झूठ गढ़े गए हैं। 2018 में घोषणा की गई थी कि यह परियोजना 2021 में पूरी हो जाएगी, लेकिन 2023 समाप्त हो रहा है, और निर्धारित अवधि के दो साल बीत जाने के बाद अब "जल्द ही खुल रहा है" के साथ नया झूठ जारी है।
मजेदार बात यह है कि स्पार्क परियोजना में शामिल लोगों ने 2022 के अंत में एक आवासीय परिसर और एक श्रमिक शहर बनाने के अनुबंध पर हस्ताक्षर करने की घोषणा की थी, लेकिन यह घोषणा की गई थी परियोजना 2023 में पूरी होगी।
सच्चाई यह है कि परियोजना शुरू होने के चार साल से अधिक समय बीत चुका है लेकिन अब तक सऊदी अखबारों ने शहर की वास्तविक तस्वीरें प्रकाशित नहीं की हैं और "अल-शर्क अल-अवसत" अखबार की तरह, "काल्पनिक" चित्रों से ही काम चला रहे हैं।
लाल सागर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे की निर्माण परियोजना इन परियोजनाओं का एक और उदाहरण है, जिसे शुरू में 2022 में चालू करने की घोषणा की गई थी, लेकिन बाद में इसे 2023 तक के लिए आगे बढ़ा दिया गया। इर परियोजना के लिए वादे दोहराए गए। 2020 की शुरुआत में हवाईअड्डा क्षेत्र में काम शुरू किए जाने तस्वीरें प्रकाशित की गईं।
लेकिन उसी वर्ष के अंत में यह घोषणा की गई कि परियोजना का परिचालन 2022 के अंत में किया जाएगा। फिर 2022 के मध्य में घोषणा की गई कि उद्घाटन अगले साल की पहली तिमाही में होगा, लेकिन कुछ महीने बाद फिर से घोषणा की गई कि इसे 2024 में खोला जाएगा।
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सऊदी अरब की नाकाम परियोजनाएं का और उदाहरण किंग सलमान ब्रिज है, जिसे सऊदी लीक्स इंगित करता है और जोड़ता है: बिन सलमान ने 2016 में घोषणा की थी कि किंग सलमान ब्रिज का निर्माण 2020 से पहले शुरू कर दिया जाएगा और रिसर्च टीमें सऊदी अरब और मिस्र के बीच बनने वाले इस पुल पर काम शुरू कर चुकी हैं, लेकिन लगभग 8 साल बीत जाने के बाद अब भी इसका निर्माण कार्य शुरू होने के कोई संकेत नहीं हैं।
नया "अल जौफ़" हवाई अड्डा इन नाकाम परियोजनाओं का एक और उदाहरण हैं। 2018 में इस हवाई अड्डे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे में बदलने की घोषणा की गई थी, लेकिन अब, इस वादे के चार साल बाद, यह घोषणा की गई है कि परियोजना के ठेकेदार के साथ समझौता हो गया है।
रिपोर्ट के अनुसार, "अल-कादियाह" मनोरंजक और खेल हवाई अड्डा परियोजना को भी 2022 में खोला जाना था, लेकिन उसी वर्ष के मध्य में यह घोषणा की गई कि यह परियोजना 2023 में पूरी होगी।
अल-कुनफुदाह हवाईअड्डा परियोजना के लिए भी कहा गया कि 2016 के अंत तक इसके लिए भूमि सौंप दी जाएगी ताकि इसका परिचालन संचालन 2018 की शुरुआत में शुरू हो सके। फिर नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इसकी निविदा की अंतिम तारीख़ की घोषणा की।
दिसंबर 2018 में कहा गया था कि किंग सलमान के सलाहकार "खालिद अल-फैसल" इसका उद्घाटन करेंगे, फिर खबर आई की अगले दो साल में काम पूरा कर लिया जाएगा, लेकिन उसके बाद से परियोजना के बारे में कोई खबर नहीं आई है।
यही हाल फ़ार्सन द्वीप पर्यटक हवाई अड्डा परियोजना का हुआ जिसके बारे में कहा गया था कि 2020 तक शुरू हो जाएगा, लेकिन इसका क्या हुआ कोई रिपोर्ट नहीं है। दर्जनों विलंबित और रुकी हुई परियोजनाएं और दर्जनों अन्य नई परियोजनाएं हैं जिन्हें बिन सलमान ने लागू करने का वादा किया है।
ऐसा लगता है कि इन परियोजनाओं का भाग्य पिछली परियोजनाओं के समान ही होगा। सऊदी मीडिया और विज्ञापन तंत्र इन परियोजनाओं के विज्ञापन और प्रचार का ढोल पीटते रहेंगे और जनता का पैसा बर्बाद करते रहेंगे और भ्रम बेचते रहेंगे।