राजधानी लखनऊ की मस्जिदों में इस्राइल और हमास के बीच चल रहे संघर्ष में मजलूमों की हिफाजत और अमन की दुआ मांगी गई। उलमा ने दोनों ओर से जारी बमबारी में निर्दोष लोगों के मारे जाने पर दुख जताया और अमन कायम करने के लिए बमबारी रोकने की अपील की।
उन्होंने कहा कि फलस्तीनियों को मारकर शांति स्थापित नहीं होगी। मजलिसे उलमा-ए-हिन्द के महासचिव मौलाना कल्बे जवाद नकवी ने कहा कि अल्लाह के रसूल ने फरमाया है कि हमेशा मजलूम का साथ दो, वह अजनबी ही क्यों न हो और कभी जालिम का साथ न दो, वह तुम्हारा भाई ही क्यों न हो। यही वजह है कि हम मजलूम फलस्तीनियों के समर्थन में और जालिमों की बर्बादी के लिए दुआ कर रहे हैं।
ऐशबाग ईदगाह स्थित जामा मस्जिद में जुमा की नमाज से पहले मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि मस्जिद ए अकसा और बैतुल मुकददस दुनिया भर के मुसलमानों के लिए काफी अहम और मुकद्दस है।
इस मुकद्दस जमीन पर यहूदियों ने 1948 से कब्जा कर रखा है। मौलाना ने तमाम देशों से फलस्तीनियों की समस्या के समाधान के लिए संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव को अमल में लाने के प्रयास करने की अपील की।