राजनीतिक आर्थिक और समाजिक स्तर पर शिया समुदाय की हिस्सेदारी पर प्रसिद्ध धर्मगुरू कल्बे जवाद के नेतृत्व में बड़ा इमामबाड़ा में महा सम्मेलन आयोजित किया जिसमें देश भर से आए शिया धर्म गुरुओं और समुदाय के लोगों ने हिस्सा लिया।
राजनीति में शिया समुदाय की उपेक्षा पर धर्मगुरू मौलाना कल्बे जवाद ने कहा कि शिया वोटों की संख्या बहुत है लेकिन उसे छिपाया जाता है। खनऊ में ही 3 विधानसभा में उम्मीदवारों की हार-जीत शिया मुसलमानों के वोटों से ही तय होती है, फिर भी हमें नजरअंदाज किया जा रहा है।
बड़ा इमामबाड़ा में आयोजित इस महा सम्मेलन में पूरे भारत से धर्मगुरुओं और आम लोगों ने बड़ी संख्या में शिरकर की। जिसमें शिया समुदाय की समस्याओं के हल और मौजूदा सूरतेहाल पर विचार विमर्श किया गया। इस दौरान शिया नेताओं ने सरकार से पारसी समुदाय की तरह शिया समुदाय को भी संसद में आरक्षण देने की मांग की, साथ ही समुदाय को विशेष पैकेज देने को भी कहा।
बड़ा इमामबाड़ा में मौलाना का बड़ा बयान
मौलाना जवाद ने कहा, ‘‘शिया समुदाय का संसद में कोई प्रतिनिधि नहीं है। हमारी सरकार से मांग है कि वह पारसी समुदाय की तरह शिया समुदाय के लिए भी संसद में आरक्षण उपलब्ध कराएं।’’ उन्होंने कहा, 'हम मांग करते हैं कि शिया समुदाय के युवाओं को सरकारी नौकरियों में आरक्षण, आर्थिक पैकेजों में आरक्षण, संसद और विधानसभा में आरक्षण मिलना चाहिए और सरकार को वक्फ संपत्ति से सभी अतिक्रमण को हटाना चाहिए।'
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कल्बे जवाद ने कहा कि शिया समुदाय को सरकार का फायदा लेने के लिए राजनीतिक रूप से मजबूत होने की जरूरत है। जो समुदाय सियासी रूप से मजबूत नहीं होता उसे कोई लाभ नहीं मिलता। उन्होंने कहा कि सरकार पसमांदा मुस्लिमों की बात करती रहती है, लेकिन असल में पसमांदा की बड़ी संख्या शिया समुदाय में है।
शिया समुदाय बहुत ज्यादा पिछड़ा है
सम्मेलन के आयोजन मौलाना कल्बे जवाद नकवी ने कहा कि पिछली सरकारों ने हमारे समुदाय के लिए कोई काम नहीं किया है। आज पसमांदा मुसलमानों की बात हो रही है, शिया सबसे ज्यादा पिछड़ी कैटेगरी में आते हैं।
वर्तमान सरकार से बहुत उम्मीद
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हमारे समुदाय के लिए बहुत उम्मीदें है। मौलाना कल्बे जवाद ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि यह सरकार शिया समुदाय के हितों को देखते हुए उनके उत्थान के लिए काम करेगी ।