हर जगह उससे पहले ये सवाल हुआ कि हसबैंड कहां है। इन सब हालातों का सामना करते हुए युवती ने वहां वीडियो भी बनाया और कहा कि लोग इतने भी बुरे नहीं हैं जितने बताए जाते हैं।
अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबानी हुकूमत के काबिज होने के बाद से ये खबरें आती रही हैं कि वहां महिलाओं की हालत बहुत खराब है। कभी खबर आती है कि महिलाओं के मेकअप करने पर पाबंदी है तो कभी खबर आती है कि उनके पढ़ने लिखने पर रोक लगा दी गई है।
ऐसे हालात में बिहार की एक सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर अफगानिस्तान पहुंची और पब्लिक ट्रांसपोर्ट लेकर वहां सफर भी किया। हालांकि ये सब बहुत आसान नहीं था। हर जगह उससे पहले ये सवाल हुआ कि हसबैंड कहां है। इन सब हालातों का सामना करते हुए युवती ने वहां वीडियो भी बनाया और कहा कि लोग इतने भी बुरे नहीं हैं जितने बताए जाते हैं।
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हसबैंड के बिना टिकट मिलना मुश्किल
खुद को डिजिटल नोमेड बताने वाली सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर कृति ने ये वीडियो शेयर किया है। जिसमें वो खुद कह रही हैं कि बिना मेल कंपेनियन या फिर हसबैंड के बस का टिकट मिलना मुश्किल है।
लेकिन लोगों ने उनकी मदद की तो उन्हें टिकट मिल सका। अपनी पोस्ट में कृति ने लिखा है कि अफगानिस्तान में सिर्फ बस या फोर व्हीलर ही ज्यादा मिलते हैं। उन्हें जहां जाना था वहां बस से पहुंचने में 18 घंटे लगे।
इस रास्ते के बीच बहुत सी जगहों पर तालिबानी चैक प्वाइंट्स मिलते हैं। लेकिन वो सो रही थीं इसलिए उन्हें किसी ने उठाया नहीं। वो पूरे रास्ते सोती रहीं और फिर अपनी मंजिल तक पहुंचीं।