अपने इंटरव्यू में पीएम मोदी ने हिंदू और मुसलमान को लेकर की जाने वाली राजनीति पर खुलकर बात की और कहा कि वह कभी भी वह कभी हिंदू और मुसलमान को नहीं बांटेंगे।
पीएम मोदी ने बताया कि उनका बचपन मुस्लिम परिवारों के बीच ही बीता है। उन्होंने कहा, "मेरे बहुत सारे मुस्लिम दोस्त हैं और 2002 के बाद मेरी छवि को खराब करने की कोशिश की गई है।
हमारे आस-पड़ोस में मुस्लिम परिवार रहा करते थे। ईद के मौके पर हम घर पर खाना भी नहीं बनाते थे क्योंकि हमारे आस-पड़ोस में रहने वाले मुस्लिम पड़ोसियों के यहां से ही खाना आया करता था। यहां तक कि मुहर्रम पर हमें ताज़िया करना भी सिखाया गया था।
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पीएम मोदी ने बताया कि 2002 के बाद उनकी छवि को खराब करने का प्रयास किया गया। उन्होंने बताया कि अहमदाबाद में मानेक चॉक नाम की जगह पर उन्होंने एक सर्वे कराया था। जहां सभी व्यापारकर्ता मुस्लिम हैं और खरीददार हिंदू हैं। वहां उन्होंने कुछ लोगों को सर्वे के लिए भेजा था।
उस वक्त जब किसी ने उनके बारे में कुछ गलत कहा तो दुकानदार ने उसे रोक दिया और कहा कि मोदी के खिलाफ एक शब्द भी न कहें। हमारे बच्चे मोदी की वजह से ही स्कूल जा रहे हैं। उस वक्त लगभग 90 प्रतिशत दुकानदारों ने यही बात कही थी।
अधिक बच्चों को जन्म देने वाले बयान के बारे में बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा, "मैं हैरान हूं। मुझे समझ नहीं आता है कि जब मैं लोगों से यह अपील करता हूं कि वो अधिक बच्चे न करें तो लोग ऐसा क्यों समझते हैं कि मैं मुस्लिमों की बात कर रहा हूं।
गरीब हिंदू परिवारों में भी यह समस्या है। वो अपने बच्चों को जरूरी शिक्षा देने के सक्षम नहीं हैं। मैंने कभी भी हिंदू या मुस्लिम का नाम नहीं लिया है। मैंने केवल अपील की है कि आप उतने ही बच्चे करें, जितनों का आप पालन पोषण कर सकते हैं।
पीएम मोदी ने मुस्लिम वोट बैंक के बारे में बात करते हुए कहा, "मुझे यकीन है कि मेरे देश के लोग मेरे लिए वोट करेंगे। जिस दिन मैं हिंदू-मुस्लिम करना शुरू कर दूंगा उस दिन मैं सार्वजनिक जीवन में रहने योग्य नहीं करूंगा। मैं कभी भी हिंदू-मुस्लिम बंटवारा नहीं करूंगा और यह मेरा वादा है।