यूरोपीय संघ के उप विदेश नीति प्रमुख एनरिक मोरा जो वियना वार्ता को सक्रिय करने के लिए तेहरान की यात्रा पर थे, को फ्रैंकफर्ट हवाई अड्डे पर कई घंटों तक हिरासत में रखा गया।
उनके मोबाइल फोन और लैपटॉप को जब्त कर लिया गया और कुछ घंटों के बाद उन्हें वापस कर दिया गया, और उन्हें अपनी यात्रा जारी रखने की अनुमति दी गई।
यूरोपीय संघ के एक इस दर्जे के अधिकारी की एयरपोर्ट पर गिरफ्तारी जर्मन खुफिया सेवाओं के साथ समन्वय के बिना नहीं किया जा सकती थी। जिससे पता चलता है कि यह गिरफ्तारी संदिग्ध थी।
अब कुछ सूत्रों द्वारा खबर आई है कि यह गिरफ्तारी जर्मन और इजरायल द्वारा की गई थी और उसका मकसद वियना वार्ता की गोपनीय जानकारियों को प्राप्त करने के लिए उनके लैपटाप की जांच करना था।
अब देखने वाली चीज़ है कि ईरानी अधिकारयों के साथ वार्ता की जो जानकारियों मोरा के लैपटान और फोन में थीं क्या उनको इजरायल प्राप्त कर सका है या नहीं?
आने वाले समय में यह पता चल सकेगा।