सबसे पहले तो प्रतिबंधों को युद्ध के विकल्प के रूप में दूसरो के सामने पेश किय जाए और उसके बाद प्रतिबंधों के विरोधियों को उनके राजनीतिक रुझान और पृष्ठभूमि के आधार पर युद्ध चाहने वाले या समझौतावादी के रूप में चित्रित किया जा सकता है।
ह्यूमन राइट्स वॉच के अनुसार, मुहम्मद बिन नासिर अल-गामदी नाम के एक सऊदी नागरिक को, जिसके ट्विटर पर केवल 8 फॉलोअर्स थे को बिन सलमान की आलोचना वाले पोस्ट को रीट्वीट करने के लिए मौत की सजा सुनाई गई है!
प्रैंक में भी मौज-मस्ती होती है लेकिन उसमें इंसान पर एक तरह से प्रयोग किया जा रहा होता है। दिक्क़त यह है कि उस प्रयोग में व्यक्ति को चोट लग सकती है, वह डर सकता है या उसे बुरा लग सकता है।