दुनिया की वह महिला जिनके पास सबसे अधिक बिटकॉइन हैं
ऑक्सफर्ड में पढ़ी इस उद्यमी ने अपने निवेशकों से कहा कि उन्होंने बिटकॉइन किलर बनाया है लेकिन फ़ाइलों से पता चलता है कि गायब होने से पहले उन्होंने गुप्त रूप से अपनी प्रतिद्वंद्वी करेंसी में अरबों जमा किए थे।
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क्रिप्टोकरेंसी के बाज़ार में मची उथलपुथल के साथ ही बीबीसी की देखी गई फ़ाइलों के मुताबिक ये संभावना भी है कि एक अप्रत्याशित बिटकॉइन निवेशक, लापता क्रिप्टोक्वीन, डॉ। रुजा इग्नातोवा की किस्मत भी डूब गई होगी।
ये ठग 2017 में तब गायब हो गई थीं जब उनका क्रिप्टोकरेंसी वनकॉइन अपने चरम पर था और निवेशकों ने उसमें अरबों लगाए थे।
धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की वजह से वे अमेरिकी ख़ुफ़िया एजेंसी एफ़बीआई के 10 सबसे वांछित भगोड़ों में से एक बन गईं।
इसकी विस्तृत जानकारी पहली बार 2021 में सामने आई जब दुबई के एक कोर्ट के दस्तावेज़ को एक वकील ने ऑनलाइन पोस्ट किया, इसमें डॉ। रुजा को 'इतिहास का सबसे सफल अपराधी' बताया गया था।
बिटकॉइन डील
डॉ। लेवी के क़ानूनी केस में सबसे बड़ा दावा ये है कि एक अमीर बिजनेस टाइकून के बेटे अमीरात के शाही शेख सऊद बिन फ़ैसल अल क़ास्सिमी के साथ एक बड़ा बिटकॉइन सौदा हुआ है।
फ़ाइल में ये भी बताया गया है कि 2015 में शेख सऊद ने डॉ। रुजा को चार यूएसबी वाली मेमरी स्टिक दी थी जिसमें उस वक़्त के 48।3 मिलियन यूरो के बराबर 230,000 बिटकॉइन थे।
इसके बदले में डॉ। रुजा ने मशरेक़ बैंक में शेख सऊद को तीन चेक सौंपे, जो कि 210 मिलियन अमीराती दिरहम या क़रीब 50 मिलियन यूरो के बराबर थे।
इस कथित डील से पहले दुबई के मशरेक़ बैंक ने डॉ। रुजा के खातों को मनीलॉन्ड्रिंग को लेकर बंद करना शुरू कर दिया था इसलिए उस चेक को वो भुना नहीं सकीं।
इस तथ्य के बावजूद कि एक साल से भी अधिक समय पहले से अमेरिकी न्याय विभाग ने डॉ। रुजा पर आरोप लगाया था। साथ ही वनकॉइन को धोखाधड़ी वाली क्रिप्टोकरेंसी कहा गया था, 2020 में दुबई के अधिकारियों ने डॉ। रुजा के फंड से रोक हटा ली।
इस फ़ैसले के महीनों पहले डॉ। रुजा के पूर्व फंड मैनेजर मार्क स्कॉट को भी न्यूयॉर्क में वनकॉइन की 400 मिलियन डॉलर की लॉन्ड्रिंग का दोषी पाया गया था।
इस फ़ैसले के बारे में पूछे गए सवाल का दुबई के पब्लिक प्रॉसिक्यूटर की ओर से कोई जवाब नहीं मिला है।
दुबई कोर्ट ऑफ़ अपील के रिकॉर्ड्स के मुताबिक 28 अप्रैल 2022 को शेख सऊद ने मांग की कि डॉ। रुजा के फंड उन्हें सौंप दिए जाएं, वो ख़ुद के साथ डॉ। रुजा के किसी डील की बात का हवाला दे रहे थे।
इस मामले में डॉ। रुजा प्रतिवादी हैं जबकि क़रीब पांच वर्षों से उन्हें कहीं नहीं देखा गया है।
डॉ। रुजा और शेख
शेख सऊद के बारे में बहुत कम जानकारी है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक कम लंबाई के गठीले बदन वाले शेख बॉडी बिल्डिंग का शौक रखते हैं और सार्वजनिक रूप से बहुत कम देखे जाते हैं।
वे द इंटरगवर्नमेंटल कोलैबोरेटिव एक्शन फंड फॉर एक्सीलेंस (आईसीएएफ़ई) नामक एक संस्था जो शिक्षा के क्षेत्र में काम करने का दावा करती है उसके 2017 के एक यूट्यूब वीडियों में दिखे लेकिन जब दुबई फ़ाइलें जारी की गईं, उसमें शेख अल कास्सिमी का बतौर आईसीएएफ़ई सेकेट्री ज़िक्र इसकी वेबसाइट से गायब हो गया।
हाल में लॉन्च की गई एक क्रिप्टोकरेंसी में भी शेख को बतौर अध्यक्ष बताया गया है। लीक हुईं दुबई फाइलें बताती हैं कि कभी अल कास्सिमी के परिवार और डॉ। रुजा के बीच घनिष्ठ संबंध थे।
3 सितंबर 2015 को दुबई के मशरेक़ बैंक ने डॉ रुजा को लिखित सूचना दी कि वो उनके निजी खातों को बंद कर देगा।
11 दिन बाद, एक अमेरिकी अदालत को एक ईमेल मिला जिसमें डॉ। रुजा ने वनकॉइन के अपने एक सहयोगी को मशरेक़ बैंक से 50 मिलियन यूरो ट्रांसफर करने को लिखा था। उन्होंने उसमें अगले हफ़्ते दुबई में एक शेख से मुलाक़ात का ज़िक्र भी किया था। उन्होंने लिखा कि वो कोशिश करेंगी कि 'वहां कुछ हमारे लिए हो सके।'
डॉ। रुजा किससे मिलने वालीं थीं या बैठक हुई भी या नहीं, इसकी जानकारी नहीं है लेकिन फ़ाइलें एक और कहानी की ओर इशारा करती हैं।
फ़ाइलों से तस्वीर मिली है जिस पर 8 अक्तूबर 2015 की तारीख़ तो है लेकिन वो कहां ली गई है इसका पता नहीं है, इस तस्वीर में डॉ। रुजा, शेख सऊद के पिता शेख फ़ैसल के ठीक बगल में खड़ी हैं।