दुकानों पर प्रति बोतल बिक्री पर 10 से 20 रुपये अतिरिक्त वसूली की जा रही है। दुुकानदारों का कहना है कि रेट बढ़ा हुआ है, जबकि प्रिंट एमआरपी पर साफ रेट लिखा हुआ है।
। 90 फीसदी दुकानों में भुगतान नकदी में होता है, ऐसे में अतिरिक्त वसूली का कोई सबूत नहीं है, लेकिन कुछ दुुकानों पर कार्ड स्वैप के जरिये भुगतान होने से पता चलता है कि अतिरिक्त वसूली की जा रही है।
जानकारी के अनुसार प्रदेश की दुकानों पर औसतन प्रतिदिन की बिक्री 3 से 5 लाख रुपये है। दुकानों पर प्रति बोतल बिक्री पर 10 से 20 रुपये अतिरिक्त वसूली की जा रही है।
दुुकानदारों का कहना है कि रेट बढ़ा हुआ है, जबकि प्रिंट एमआरपी पर साफ रेट लिखा हुआ है। इस एमआरपी से 20 रुपये तक अधिक लिए जा रहे हैं। वहीं अधिकतर दुकानों के बाहर रेट लिस्ट भी नहीं है। आबकारी विभाग की ओर से आदेश जारी कर साफ तौर पर कहा गया है कि सभी दुकानों के बाहर रेट लिस्ट होगी। साथ ही रेंज अफसर का मोबाइल नंबर होगा और विभाग की हेल्पलाइन का नंबर भी होगा। जिस पर अतिरिक्त वसूली करने पर कॉल की जा सकती है, लेकिन ऐसा कोई आदेश दुकानों के बाहर नहीं है।
शराब की गुणवत्ता भी कम
सूत्रों का कहना है कि जम्मू कश्मीर में बनने वाली शराब की गुणवत्ता देश में सबसे अच्छी मानी जाती रही है। जम्मू कश्मीर की बीयर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेस्ट बीयर का खिताब भी मिल चुका है, लेकिन नई आबकारी नीति आने के बाद प्रदेश में तैयार होने वाली शराब की गुणवत्ता भी कम कर दी गई है। आबकारी विभाग से जुड़े कुछ अफसरों का भी यही मानना है।