बढ़ती महंगाई का भी सोने पर कोई असर नहीं
जैसे हर चीज़ों के दाम बढ़ रहें है। वैसे सोने के दोमों में भी काफी बढ़होतरी हुई है। लेकिन इस बढ़ती महंगाई में सोने की ख़रीदारी पर कोई असर नहीं है।
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आमतौर पर ऐसा कहा जाता है कि बढ़ती महंगाई का असर अगर सबसे ज्यादा किसी पर पड़ता है, तो वह है मध्यमवर्गीय परिवार। लेकिन एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि देश में इन दिनों सबसे ज्यादा सोना मध्यमवर्गीय परिवार ही खरीद रहा है। भारतीय परिवारों में सोने की खपत मध्य आय वर्ग में सबसे ज्यादा है। हाल ही में भारतीय प्रबंध संस्थान-अहमदाबाद (आईआईएम-ए) में इंडिया गोल्ड पॉलिसी (आईजीपीसी) द्वारा सोने की खपत को लेकर एक देशव्यापी सर्वे करवाया गया। इसमें सामने आया कि 2 लाख और 10 लाख के बीच सालाना आय वाले लोगों में सोने की खपत पिछले पांच साल में सबसे ज्यादा रही। देश में सोने की कुल बिक्री का तकरीबन 56 प्रतिशत इस आय वर्ग के लोगों ने खरीदा।
कुल खरीद में मध्य वर्ग आगे
इस सर्वे में सामने में आया कि अगर प्रति व्यक्ति ज्यादा सोना खरीदने की बात करें तो इसमें उच्च वर्ग या ज्यादा आय वालों की संख्या अधिक है। वहीं, कुल खरीद का आंकड़ा देखा जाए तो मध्य वर्ग इसमें सबसे आगे रहता है। उच्च वर्ग सुरक्षित निवेश पसंद करते हैं। यानी सोने और स्वर्ण उत्पाद या सुरक्षित सरकारी उत्पाद जैसे बैंक सावधि जमा, भविष्य निधि, जीवन बीमा, डाकघर बचत को तरजीह देते हैं, जहां जोखिम सबसे कम है। वहीं 10 लाख रुपये से अधिक की वार्षिक आय वाले उच्च-मध्यम और समृद्ध वर्ग के लिए, बचत उनकी अतिरिक्त कमाई, बेकार पड़े अतिरिक्त धन और पूंजीगत लाभ पर कमाई है। इसलिए वे स्टॉक या शेयरों, डेरिवेटिव और रियल एस्टेट में निवेश करना पसंद करते हैं।
इस रिपोर्ट में आईजीपीसी के अध्यक्ष अरविंद सहाय बताते हैं कि सोना अमीरों के लिए है, इस आम मानसिकता के विपरीत सर्वेक्षण ने हमें दिखाया कि मध्यम आय वाले परिवार मूल्य के साथ-साथ मात्रा में भी सबसे अधिक सोना खरीदते हैं। हमें यह स्वीकार करना चाहिए कि संपत्ति के रूप में सोने की खपत बढ़ाने में महामारी ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
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जीएसटी या नोटबंदी का भी असर नहीं
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि देश में सोने की खरीद पर नोटबंदी या जीएसटी लागू करने जैसे बड़े फैसलों का भी कोई असर नहीं पड़ा है। पिछले पांच वर्षों में देश के उच्च आय वर्ग वालों में से 74 फीसदी लोगों ने सोना खरीदा है। इस दौरान जहां अन्य दूसरी वस्तुओं की खरीद पर व्यापक असर दिखा वहीं सोने की मांग और बढ़ती चली गई।
शादियों में सोने की खरीद सबसे ज्यादा
भारतीय ग्राहक शादियों में सोने की खरीद सबसे ज्यादा करते हैं। ये रिपोर्ट आगे बताती है कि किसी उत्सव या शादी के मौके पर कुल सोने का 65-70 फीसदी हिस्सा खरीदा जाता है, जबकि अन्य मौकों पर महज 30-35 फीसदी खरीदारी होती है। 41 फीसदी लोग सिर्फ शादियों के मौके पर ही सोना खरीदते हैं, जबकि 31 फीसदी बिना किसी विशेष अवसर के ही सोने की खरीद करते हैं।
चीन के बाद भारतीय सबसे ज्यादा खरीदते हैं सोना
इस सर्वे के आंकड़ों से पता चलता है कि सोने के लिए बढ़ती दिलचस्पी की वजह से भारत का स्वर्ण आयात वित्त वर्ष 2022 के दौरान 33.34 प्रतिशत बढ़कर 46.14 अरब डॉलर पर पहुंच गया। चीन के बाद भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्वर्ण उपभोक्ता है। यह आयात काफी हद तक आभूषण उद्योग पर आधारित था। वित्त वर्ष 2022 के दौरान रत्न एवं आभूषण निर्यात करीब 50 प्रतिशत बढ़कर 39 अरब डॉलर पर पहुंच गया।
वहीं, विश्व स्वर्ण परिषद के अनुसार, जनवरी-मार्च 2022 की अवधि में लगातार दूसरी तिमाही के लिए सोने की कीमत 8 प्रतिशत की तेजी के साथ 1,942 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुई, जो अप्रैल-जून 2020 की अवधि से उसका सबसे अच्छा तिमाही प्रदर्शन है। डब्ल्यूजीसी का कहना है कि तेजी से बढ़ रही मुद्रास्फीति, ऊंची ब्याज दरें और अप्रत्याशित भू राजनीतिक जोखिम हाल में समाप्त तिमाही में सोने की कीमतों के मुख्य कारक थे।
सोर्स : अमर उजाला