आर्यन ख़ान को ड्रग्स मामले से मिला छुटकारा
बॉलीवुड के अभिनेता शाहरुख ख़ान के बेटे को मिली क्लीन चिट यानि ड्रग्स मामले में आरोप सिद्ध नहीं हुआ है। ये आरोप ड्रग रोधी जांच एजेंसी नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने लगाए थे।
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24 साल के आर्यन ख़ान को पिछले साल अक्टूबर में एक पार्टी में कथित तौर पर ड्रग्स लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने आर्यन ख़ान पर अवैध पदार्थ मिलने, उसका इस्तेमाल करने और उसकी बिक्री से संबंधित क़ानूनों के तहत केस दर्ज किया था।
शुक्रवार को एनसीबी ने उन्हें यह कहते हुए मामले से बरी कर दिया कि "आर्यन ख़ान के पास से किसी तरह की ड्रग्स बरामद नहीं हुए हैं।"
जब आर्यन ख़ान को गिरफ्तार किया गया था तब इस मामले ने मीडिया में खूब सुर्खियां बटोरी थी। कई दिनों तक न्यूज चैनलों ने आर्यन ख़ान पर कार्यक्रम किए थे क्योंकि एनसीबी ने दावा किया था कि आर्यन ख़ान आदतन ड्रग्स लेते हैं और नशीले पदार्थों की सप्लाई भी करते हैं।
लेकिन अब उन पर लगाए आरोप साबित नहीं हो सके हैं और इसे लेकर सोशल मीडिया पर कहा जा रहा है कि बिना किसी जुर्म के आर्यन ख़ान को 26 दिन जेल में रहना पड़ा।
सोशल मीडिया पर लोग इसे लेकर ये सवाल भी कर रहे हैं कि एनसीबी ने आर्यन ख़ान पर झूठा केस क्यों बनाया, आर्यन ख़ान को मीडिया ट्रायल का सामना क्यों करना पड़ा? सोशल मीडिया पर लोग मांग कर रहे हैं कि इसके लिए जो लोग ज़िम्मेदार हैं उन्हें माफी मांगनी चाहिए और उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई की जानी चाहिए।
मीडिया से बात करते हुए आर्यन ख़ान के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि शाहरुख़ ख़ान को राहत मिली है कि उनके बेटे का इससे कुछ लेना-देना नहीं है।
2 अक्टूबर को आर्यन ख़ान मुंबई के बांद्रा में एक पार्टी में शामिल होने के लिए कॉर्डेलिया क्रूज़ेज़ एंप्रेस जहाज़ पर पहुंचे थे।
एनसीबी की मुंबई यूनिट को यहां नशीले पदार्थ होने का टिप मिला (जानकारी मिली) और यूनिट की एक टीम भी यात्रियों के भेष में इस जहाज़ पर चढ़ गई। अधिकारियों ने जाँच शुरू की और रिपोर्टों के मुताबिक़ उन्होंने कोकेन, चरस, एमडीएमए जैसे अवैध पदार्थों को जहाज़ से ज़ब्त किया।
मीडिया में ख़बर आई कि छापे में एक बॉलीवुड स्टार के एक बेटे सहित कुछ लोगों को हिरासत में लिया। फिर पता चला कि हिरासत में लिए जाने वाले व्यक्ति आर्यन ख़ान हैं।
तीन अक्तूबर को आर्यन को गिरफ़्तार कर लिया गया।
एनसीबी ने आर्यन पर अवैध पदार्थों के कथित तौर पर सेवन, ख़रीद-फरोख़्त का आरोप लगाया और उन पर नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंसेज़ एक्ट या एनडीपीएस क़ानून के तहत धाराएँ लगाईं।
एनसीबी ने दावा किया कि उसके छापे में 13 ग्राम कोकेन, पाँच ग्राम एमडीएमए, 21 ग्राम चरस और 22 एमडीएमए की गोलियों के अलावा 1।33 लाख रुपए नकद मिले।
इस केस में कई ट्विस्ट एंड टर्न्स देखने को मिले। एक प्रमुख गवाह ने आरोप लगाया कि मामले के सिलसिले में एनसीबी के कार्यालय में उन्हें "खाली कागजों" पर हस्ताक्षर करने के लिए "मजबूर" किया गया।
मामले का राजनीतिकरण भी हुआ। नवाब मलिक इस मामले को महाराष्ट्र सरकार और बॉलीवुड को बदनाम करने की कोशिश बताते रहे। कुछ समय बाद जांच के प्रभारी अधिकारी समीर वानखेड़े को ब्लैकमेल करने के आरोप सामने आने के बाद मामले से हटा दिया गया था।
शुक्रवार को दायर आरोपपत्र में एनसीबी ने 14 आरोपियों को नामजद किया लेकिन आर्यन खान समेत छह अन्य लोगों को सबूत की कमी के कारण छोड़ दिया गया है।
सोर्स : बीबीसी