घर में लगा सकते हैं गांजे के पेड़ : थाईलैंड
थाईलैंड सरकार ने गांजे की खेती को इजाज़त दे दी, गांजे को लीगल करने के बाद भी कुछ रोक-टोक बनी रहेंगी अब एक घर में गांजे के 6 पेड़ उगाए जा सकते हैं
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थाईलैंड में गांजे को वैध करने के बाद अभी भी कुछ तरह कि रोक-टोक बनी रहेंगी। अगर आप तय सीमा से अधिक केमिकल वाला ड्रग बेंचते या सप्लाई करते हुए पकडे जाते हैं तो आप पर कानूनी कार्यवाई तय है।
थाईलैंड की सरकार ने देश में गांजे कि खेती और उसके इस्तेमाल को लीगल करार दिया है। माना जाता है कि थाईलैंड में ड्रग्स को लेकर दुनिया के सबसे सख्त नियम हैं। यहां अवैध ड्रग्स के इस्तेमाल करते हुए पकडे जाने पर मौत की सजा तक दी जा सकती है। वहीं गांजे को क़ानूनी मान्यता देना अपने आप में अचंभे वाली खबर है।
पिछले दिनों थाईलैंड की सरकार ने गांजे की खेती को इजाज़त दे दी लेकिन अभी भी कुछ प्रतिबंध लागू रहेंगे। सरकार ने गांजे को प्रतिबंधित नारकोटिक्स की लिस्ट से बाहर कर दिया है। अब थाईलैंड में लोग अपने घरों में गांजे की खेती कर सकेंगे और उसे बेच भी सकते हैं। अब लोग अपने घर पर गांजे के 06 पौधे लगा सकते हैं। इसके लिए अब उन्हें सरकार से इजाज़त नहीं लेनी होगी।
साथ ही कंपनियां भी तय मात्रा में गांजे की खेती कर सकतीं है। बशर्ते कि इसके लिए उनके पास परमिशन हो। होटल और रेस्टोरेंट में भी गांजे से बनने वाला खाना या ड्रिंक परोसे जा सकते हैं। थाईलैंड के अस्पताल गांजे के जरिए मरीजों का इलाज कर सकेंगे। हालांकि थाईलैंड ने 2018 में ही गांजे के मेडिकल इस्तेमाल की इजाजत दे दी थी।
रोचक बात यह है कि अभी भी सड़क पर चलते हुए आप गांजा नहीं पी सकेंगे। अभी भी थाईलैंड में कोई व्यक्ति सार्वजनिक रूप से गांजे का इस्तेमाल नहीं कर सकता। अगर कोई ऐसा करते पकड़ा गया तो उसे तीन महीने की जेल हो सकती है या 60 हज़ार रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
साल 2021 में एक रिपोर्ट आई थी, जहां की जेलों में तय क्षमता से अधिक कैदी बंद हैं। इसमें से ज्यादातर कैदी ड्रग्स से जुड़े मामलों में बंद थे। जिसके बाद सरकार ने नियमों में कुछ ढील दी। सरकार ने पुनर्वास केंद्र स्थापित किए। ड्रग्स से जुड़े अपराधों को उनकी गंभीरता के आधार पर अलग-अलग किया लेकिन इसके बाद भी हालत नहीं सुधरी। लेकिन अब नए कानून के आने के बाद जेल में बंद 04 हजार से अधिक कैदियों के रिहा होने की उम्मीद है।
अब सवाल उठता है कि जिस देश में ड्रग्स के मामलों में मौत की सजा तक का नियम है, वहां गांजे को लीगल क्यों कर दिया गया? तो इसका जवाब मजबूरी है। कुछ लोगों का कहना है कि थाईलैंड की सरकार के सामने देश कि डूबती अर्थव्यवस्था को बचाने कि मजबूरी है। अगर सरकार अर्थव्यवस्था बचाने में नाकाम रहती है तो थाईलैंड अगला श्रीलंका बन सकता है। इसी मजबूरी में सरकार को गांजे को लीगल करना पड़ा।
गौरतलब है कि थाईलैंड कि अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा टूरिज्म पर टिका हुआ है लेकिन कोविड ने टूरिज्म की कमर तोड़ दी। लोगों ने घूमना-फिरना बंद कर दिया। अब इस फैसले के बाद सरकार को उम्मीद है कि लोग थाईलैंड आना शुरू करेंगे, जिससे उनकी अर्थव्यवस्था को बूस्ट मिल सकता है। थाईलैंड सरकार को उम्मीद है कि इस फैसले से हर साल लगभग 15 हजार करोड़ रुपए की अतिरिक्त कमाई होगी। साथ ही अवैध रूप से गांजे के इस्तेमाल से जो उसे नुकसान हो रहा था, उससे भी बचा जा सकेगा।